पूरे देश में अब तक की सबसे बड़ी हिट फिल्म का खिताब पा चुकी ब्लॉकबस्टर 'पुष्पा 2: द रूल' में मुख्य किरदार अल्लू अर्जुन अपने राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा की गई छोटी-सी बेइज्जती का बदला लेने के लिए सरकार ही बदल देने की कसम खाते हैं, और सफल भी होते हैं. जिन लोगों ने फिल्म को देखा होगा उन्हें लग रहा होगा कि फिल्म की कहानी जैसा बहुत कुछ तेलंगाना में इस समय हो रहा है. यह कुछ कुछ वैसा ही हो रहा है जैसा फिल्म में अल्लू अर्जुन वाले किरदार के साथ होता है.
फिल्म की रिलीज पर हुई भगदड़ में एक महिला की मौत के मामले में अल्लू अर्जुन की न केवल गिरफ्तारी हुई बल्कि टाइम पर बेल मिलने के बावजूद उन्हें हवालात में रखा गया. अब खबर आई है कि आज दिन मंगलवार को स्थानीय थाने में फिल्म स्टार को फिर बुलाया गया. जो देश का इतिहास जानते हैं उन्हें पता है कि इस तरह की घटनाओं में क्या होता रहा है. शायद यही कारण है कि अल्लू अर्जुन के समर्थकों को लग रहा है कि यह सीधे-सीधे उत्पीड़न का मामला है. तो क्या फिल्म की तरह वास्तविक जिंदगी में भी अल्लू अर्जुन प्रदेश में राजनीतिक नेतृत्व को बदलने के लिए संघर्ष करेंगे ?
1-साऊथ में किसी एक्टर को इस तरह प्रताड़ित करने को क्या बर्दाश्त करेगी जनता
4 दिसंबर को हैदराबाद में अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा 2 के एक शो में मची भगदड़ में 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी. अर्जुन इस शो में मौजूद थे. इस घटना के चलते अभिनेता को गैर-इरादतन हत्या और स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. फिलहाल अल्लू अंतरिम जमानत पर बाहर हैं. कांग्रेस और एआईएमआईएम ने जिस तरह विधानसभा में अर्जुन के खिलाफ हमले किए उन पर लापरवाही का आरोप लगाया उससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस इस हादसे में पार्टी बन रही है. बाद में अल्लू अर्जुन ने इसे चरित्र हत्या का प्रयास बताते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसके बाद कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ताओं ने रविवार को उनके हैदराबाद स्थित घर में तोड़फोड़ भी की. सवाल उठता है कि अचानक तेलंगाना की कांग्रेस सरकार अल्लू अर्जुन के पीछे क्यों पड़ गई?
दक्षिण में जहां स्टार्स को देवतुल्य माना जाता है, वहां इस तरह सरकार का आक्रामक होना हैरान करने वाला है. इंडियन एक्सप्रेस मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के हवाले से लिखता है कि रेवंत रेड्डी पीछे हटने के मूड में नहीं हैं. उनकी सरकार इस घटना को समानता का उदाहरण मानते हुए आगे बढ़ रही है. दूसरी तरफ अर्जुन भी सोशल मीडिया पर अपने फैंस से जिम्मेदारी से अपनी भावनाएं व्यक्त करने और अपशब्दों या हिंसक व्यवहार से बचने की अपील कर रहे हैं. अल्लू अर्जुन भी अपनी छवि को लेकर लगातार सचेत हैं. सरकार का कहना है कि अभिनेता के थिएटर में आने की कोई पूर्व सूचना नहीं थी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जा सकी. सरकार का यह भी दावा है कि पुलिस ने अर्जुन को थिएटर छोड़ने के लिए कहा था. वहीं, अर्जुन का कहना है कि पुलिस को जानकारी दी गई थी.
समझने वाली बात है कि तेलंगाना में अल्लू अर्जुन का सपोर्ट तो कम से कम अब नहीं ही रेवंत और कांग्रेस का मिलने वाला है. अल्लू अर्जुन के परिवार में कई फिल्म सितारे हैं. जाहिर है कि सबकी तगड़ी फैन फॉलोइंग है. जो राज्य में एंटी कांग्रेस माहौल बनाने में ये मददगार होंगे.
2- शाहरुख खान की फिल्म रईस की रिलीज याद करिए, क्या रेवंत रेड्डी सरकार ज्यादती नहीं कर रही अल्लू के साथ
शाहरुख खान की 2017 में आई फिल्म रईस का रिलीज था. फिल्म गुजरात के एक माफिया डॉन के जीवन से इंस्पायर्ड थी. शाहरुख इस फिल्म के प्रमोशन के लिए ट्रेन से यात्रा कर रहे थे. वडोदरा स्टेशन पर पहुंचने पर भगदड़ मच गई. इस घटना में शाहरुख खान के एक फैन की मौत हो गई थी. गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. केंद्र में भी बीजेपी की सरकार थी. दूसरी तरफ उस समय तक शाहरुख खान गांधी फैमिली के बहुत क्लोज हुआ करते थे. कांग्रेस नेता ऱाजीव शुक्ला के साथ नजदीकियां जगजाहिर थीं. इसके बाद भी गुजरात सरकार ने उनके साथ व्यक्तिगत खुन्नस में कोई एफआईआर नहीं दर्ज की. हालांकि बाद में एक शख्स ने शाहरुख खान के खिलाफ कोर्ट में अर्जी दी थी. शाहरुख खान को कोर्ट ने नोटिस भेजा. पर कोर्ट ने मान लिया कि शाहरुख खान इस मामले में दोषी नहीं हैं. पर रेवंत रेड्डी शायद अल्लू अर्जुन के लिए उस तरीके से नहीं सोच रहे हैं.
रेवंत के समर्थकों का कहना है कि सीएम गरीब परिवार के पक्ष में खड़े होकर एक संदेश देना चाहते हैं. उनके अनुसार, सीएम के सामने सिर्फ एक सवाल था: क्या वह आरोपी स्टार-अभिनेता का समर्थन करें या मृतका के परिवार का साथ दें?
पर जिस तरह अल्लू अर्जुन को गिरफ्तारी के दिन बेल मिलने के बाद भी रात भर हिरासत में रहना पड़ा, जिस तरह आज फिर उन्हें थाने में बुलाया गया यह दिखाता है कि यह सब जानबूझकर किया जा रहा है.
3- क्या राजनीतिक समीकरणों के चलते परेशान हो रहे हैं अल्लू अर्जुन
आम तौर पर जिस तरीके का व्यवहार कांग्रेस सरकार कर रही है उससे यही समझ में आता है कि कहीं न कहीं मामला राजनीतिक है. अर्जुन का परिवार तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में प्रभावशाली है. उनके चाचा चिरंजीवी तेलुगु सिनेमा के सुपरस्टार हैं, और उनके भाई पवन कल्याण बीजेपी के सहयोगी और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं. अर्जुन की गिरफ्तारी के बाद, बीआरएस नेता के टी रामा राव (केटीआर) और बीजेपी मंत्रियों ने सीएम की आलोचना की. केटीआर ने इसे सीएम की असुरक्षा भावना का प्रतीक बताया. रविवार को अर्जुन के घर पर हुई तोड़फोड़ के बाद, बीजेपी ने आरोप लगाया कि आरोपी रेवंत के विधानसभा क्षेत्र कोडंगल से हैं. जाहिर है कि रेवंत सरकार पर तानाशाही पूर्ण रवैये का आरोप लग रहा है. जो अगले चुनावों तक रेवंत के लिए मुश्किलें ही पैदा करेगी.