राहुल गांधी ने 'मोदी की गारंटी' की काट अपने हिसाब से खोज ली है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकलने से पहले ही राहुल गांधी ने 5 न्याय का आश्वासन दिया था - और उसमें से एक युवा न्याय गारंटी की सार्वजनिक घोषणा कर दी गई है.
मध्य प्रदेश से राजस्थान के रास्ते गुजरात में दाखिल होने से पहले ही राहुल गांधी सोशल मीडिया पर लिखा था, 'अब डिग्री को सम्मान मिलेगा, समस्याओं का समाधान मिलेगा और सभी को काम मिलेगा.'
राजस्थान के बांसवाड़ा में राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में युवाओं को 30 लाख सरकारी नौकरियां और ग्रेजुएट होते ही एक साल के लिए अप्रेंटिसशिप की गारंटी देने का ऐलान किया है.
युवाओं के लिए न्याय गारंटी को थोड़ा पीछे लौटकर देखें तो 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के भर्ती विधान जैसा ही लगता है. तब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में युवा भर्ती विधान की घोषणा की थी. और हाल ही में पेपर लीक की घटनाओं की तरफ ध्यान दिलाते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल साइट X पर याद दिलाया था कि कैसे कांग्रेस ने यूपी में भर्ती विधान पेश किया था, जिसमें पेपर लीक और भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के प्रावधान किये गये थे.
यूपी चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने 20 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, जिसमें से 40 फीसदी हिस्सा महिलाओं के लिए सुरक्षित रखे जाने की बात थी. तब प्रियंका गांधी 40 फीसदी महिला उम्मीदवार भी खड़े किये थे - और उनका चुनावी स्लोगन था, लड़की हूं... लड़ सकती हूं.
और अब राहुल गांधी सत्ता में आने पर 30 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा कर रहे हैं. कांग्रेस नेता के मुताबिक खाली पड़े सरकारी पदों को भर देने से ही युवाओं को ये नौकरियां मिल जाएंगी.
2019 के लोक सभा चुनाव में राहुल गांधी ने न्याय स्कीम की घोषणा की थी. युवा न्याय गारंटी उसके एक्सटेंशन के तौर पर भी देख सकते हैं, लेकिन साइज काफी बड़ा है. न्याय स्कीम वैसे गरीबों के लिए थी, जिनके लिए मोदी सरकार राशन मुहैया कराती है - और ये युवा न्याय गारंटी स्कीम का टारगेट देश के बेरोजगार युवा हैं. वे भी जो पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए प्रयासरत हैं, और वे भी जो ग्रेजुएट होने के बाद ये मिशन शुरू करने वाले हैं.
राहुल गांधी का कहना है कि अगर उनकी सरकार बनी तो युवाओं को ग्रेजुएट होते ही अप्रेंसिटशिप का अधिकार मिल जाएगा - और ये वैसे ही मिलेगा जैसे मनरेगा की गारंटी होती है. सुन कर एकबारगी लगता है जैसे कांग्रेस के चुनावी वादे में अप्रेंटिसशिफ का अधिकार करीब करीब वैसा ही है जैसे राइट टू फुड और राइट टू इंफॉर्मेशन कानून बनाया गया था.
जिस तरह राहुल गांधी ने 5 न्याय की बात की थी, इस लिस्ट में लगता है चार अभी बाकी है. अभी तो ऐसा ही लगता है जैसे बेरोजगार युवाओं के भरोसे और कांग्रेस बड़े चुनावी वादों के साथ लोकसभा चुनाव 2024 के मैदान में उतरने तैयारी कर रहे हैं.
न्याय यात्रा के बीच राहुल गांधी की युवा गारंटी
राजस्थान के बांसवाड़ा की सभा में राहुल गांधी ने बताया कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में MSP के लिए कानूनी गारंटी देने का वादा भी किया गया है - और बोले, आदिवासियों की जल, जंगल की लड़ाई हमारी लड़ाई है. आपके साथ हम खड़े हैं.
सवालिया अंदाज में राहुल गांधी बोले, युवाओं के लिए कांग्रेस पार्टी क्या करने जा रही है? और फिर एक एक कर बताने लगे, सबसे पहला कदम... हमने गिनती की है... हिंदुस्तान में 30 लाख सरकारी पद खाली हैं... मोदी जी इनको भरवाते नहीं हैं... भाजपा इन्हें भरवाती नहीं है... सरकार में आने के बाद एकदम पहला काम होगा कि ये 30 लाख सरकारी नौकरियां हम दे देंगे.
बोले, 'ये पांच ऐतिहासिक काम हैं... युवाओं के लिए भर्ती का भरोसा... 30 लाख खाली पद भरना... पहली नौकरी पक्की करना... पेपर लीक से मुक्ति... गिग कर्मियों के लिए सामाजिक सुरक्षा और युवा रोशनी के तहत जिलों में स्टार्टअप के लिए 5000 करोड़ रुपये... ये हम आपके लिए करने जा रहे हैं.' गिग कर्मियों से आशय असंगठित क्षेत्र के कामगारों से है.
युवाओं के लिए राहुल गांधी ने जो सबसे महत्वपूर्ण चीज बताई है, वो है, 'हम हिंदुस्तान के सब युवाओं को अप्रेंटिसशिप का अधिकार देने जा रहे हैं... ये अधिकार हर ग्रेजुएट युवा को मिलेगा... कॉलेज डिप्लोमा के बाद एक साल के लिए हर ग्रेजुएट को सरकारी... और प्राइवेट कंपनी में एक साल की अप्रेंटिसशिप दी जाएगी... साथ ही एक लाख रुपये भी दिये जाएंगे.
और हां, सबसे बड़ी बात जो राहुल गांधी ने बताया, 'कॉलेज के अगले दिन अप्रेंटिसशिप का अधिकार मनरेगा के अधिकार की तरह होगा.'
यूपी में तो ये सब नहीं चला, देखना है देश का मिजाज क्या कहता है?
यूपी चुनाव के दौरान 40 फीसदी महिलाओं को टिकट दिये जाने की बात पर राहुल गांधी का कहना था, अभी तो ये शुरुआत है. हालांकि, बाद में हुए विधानसभा चुनावों में कई चीजें तो यूपी जैसी लगीं, लेकिन महिलाओं के लिए वैसी कोई स्कीम नहीं दिखी. संसद से महिला आरक्षण बिल पास हो जाने के बाद बीजेपी की तरफ से कुछ पहल जरूर हुई, लेकिन चुनावों के लिए क्या प्लान है, अभी सामने नहीं आया है - और कांग्रेस की तरफ से भी इंतजार है.
जहां तक सरकारी नौकरी के वादे और ग्रेजुएट युवाओं के लिए अप्रेंटिसशिप की बात है, यूपी में तो ये नुस्खा काम नहीं आ सका. और कांग्रेस की ताकत में भी कोई इजाफा नहीं हुआ है. ये ठीक है कि दक्षिण भारत के कर्नाटक और तेलंगाना में सरकार बन गई है, लेकिन उत्तर भारत के राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ से सत्ता फिसल भी गई है.
कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती ये है कि राम मंदिर बन जाने के बाद बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे के सामने क्या कांग्रेस की ये रोजगार गारंटी असर दिखा पाएगी? फिलहाल सोशल साइट X पर कांग्रेस ये वादे #PehliNaukriPakki के साथ प्रमोट कर रही है.