अव्वल कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के निशाने पर हैं, लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की बातें सुन कर उनका गुस्सा फूट पड़ रहा है. केसीआर के नाम से लोकप्रिय तेलंगाना के मुख्यमंत्री अपने लोगों को बार बार एक ही चीज समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे 10 साल में तेलंगाना को वो एक एक ईंट जोड़ कर खड़ा किया है, कांग्रेस और बीजेपी चील की तरह टूट पड़े हैं.
राहुल गांधी तो पहले से ही केसीआर और उनकी बीआरएस सरकार को परिवारवाद और भ्रष्टाचार के नाम पर हमलावर हैं, प्रियंका गांधी ने एक रैली में इंदिरा गांधी के जन्म दिन पर अपनी दादी की लोकप्रियता का जिक्र कर जले पर नमक छिड़क दिया है.
जैसे ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पुरानी बातों का जिक्र करते हुए बताया कि क्यों वहां के लोग इंदिरा गांधी को प्यार से इंदिरम्मा बुलाते रहे हैं, फौरन ही केसीआर अपनी रैलियों में 'इंदिराम्मा राज्यम' को तेलंगाना के इतिहास का काला अध्याय बताने लगे. केसीआर ने लोगों को इंदिरा गांधी के दौर की याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री एनटी रामराव के शासनकाल में भूख से मौत, तेलंगाना समर्थकों की हत्या और एनकाउंटर की घटनाओं में भी इजाफा दर्ज किया गया था. केसीआर ने लोगों को याद दिलाया कि ये वही दौर था जब हिंसा को तब की सरकार ने बढ़ने दिया.
केसीआर के साथ साथ उनके बेटे केटीआर और बेटी के. कविता एक साथ गांधी परिवार पर टूट पड़े हैं - और पूरा परिवार मिल कर गांधी परिवार को तेलंगाना की बर्बादी का जिम्मेदार साबित करने में जुटा हुआ है.
तेलंगाना में भी चल रही है दिल्ली जैसी तकरार
19 नवंबर को प्रियंका गांधी तेलंगाना के आसिफाबाद और खानापुर जैसे आदिवासी इलाकों में जिस तरह इंदिरा गांधी को उनके जन्म दिन पर याद किया, केसीआर और उनका परिवार हद से ज्यादा खफा हो गया है. प्रियंका गांधी ने अपनी दादी के शासन की तारीफ करते हुए कहा था कि ये इंदिरा गांधी ही हैं जिन्होंने इलाके के आदिवासियों को उनके जल, जंगल और जमीन का अधिकार दिलाया - और इसीलिए वे लोग उनको इंदिराम्मा कह कर बुलाते है.
रैली में प्रियंका गांधी ने कहा, 'बहुत सारे नेता आते हैं और चले जाते हैं... बहुतेरे नेताओं ने आपके लिए काम भी किया होगा, लेकिन आप इंदिरा जी को क्यों याद करते हैं? अब भी आप क्यों इंदिराम्मा को याद करते हैं? कारण साफ है... उन्होंने आपको जमीन के अधिकार दिये... इंदिरा गांधी गरीबों की समस्या को समझती थीं.' साथ ही, प्रियंका गांधी ने इंदिरा गांधी सरकार के कुछ काम भी गिनाये.
प्रियंका गांधी की बातें सुनते ही जैसे केसीआर का खून खौल उठा. फिर वो अपनी रैलियों में कहने लगे, तेलंगाना के लोगों को लगातार सताने वाली कांग्रेस अब बेशर्मी से कह रही है कि वो इंदिराम्मा राज्यम को बहाल करेगी. केसीआर ने संयुक्त आंध्र प्रदेश वाले दौर में तेलंगाना के लोगों के लिए कुछ भी नहीं करने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है - और इंदिरा गांधी के शासन की अवधि को तेलंगाना के इतिहास में काला अध्याय तक बता डाला है.
केसीआर तेलंगाना के लोगों को समझा रहे हैं कि किस तरह इंदिराम्मा राज्यम भूख, गंदगी और अभाव के लिए जाना जाता है. और फिर अपने हिसाब से पुराने जख्मों को कुरदने की कोशिश में अचरज भरे लहजे में कहते हैं, कांग्रेस नेता ये सोच रहे हैं कि उनके शासन में लोगों ने जो तकलीफ सहा है, वो पर्याप्त नहीं है.
और फिर समझाते हैं कि कैसे कांग्रेस का शासन खत्म होने के बाद उनकी पार्टी की सरकार ने बुरी तरह डैमेज तेलंगाना का पुनर्निर्माण करना शुरू किया. अपनी रैलियों में मुख्यमंत्री केसीआर लोगों को समझाते हैं कि कैसे उन्होंने तेलंगाना को पटरी पर लाने के लिए लगातार कड़ी मेहनत की है, जिसकी बदौलत तेलंगाना तरक्की कर रहा है. प्रति व्यक्ति आय के मामले में में देश में नंबर 1 राज्य बताते हुए केसीआर कहते हैं, दस साल की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि तेलंगाना प्रगति पथ पर बढ़ रहा है.
अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों से तुलना करेंगे तो पाएंगे कि केसीआर भी बिलकुल उसी लहजे में तेलंगाना के लोगों को समझाते हैं कि कैसे 10 साल से वो कांग्रेस के पाप धो रहे हैं - और जैसे राहुल गांधी दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक नजर आते हैं, तेलंगाना पहुंचते ही उनका दिल्ली वाला तेलंगाना पर फोकस हो जाता है.
गांधी परिवार बनाम केसीआर परिवार
राहुल गांधी का केसीआर परिवार की राजनीति पर हमला भी करीब करीब वैसा ही लगता है, जैसे अरविंद केजरीवाल का खुद और साथियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर किया जाने वाला बचाव - क्योंकि परिवारवाद की राजनीति को लेकर हमेशा ही राजनीतिक विरोधियों के निशाने पर रहे राहुल गांधी तेलंगाना पहुंचते ही केसीआर पर परिवारवाद की राजनीति का इल्जाम जड़ देते हैं. वैसे तो राहुल गांधी अपनी मां को ही फॉलो कर रहे होते हैं, क्योंकि 2018 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में सोनिया गांधी भी केसीआर को तकरीबन वैसे ही टारगेट करती रहीं.
जैसे ही राहुल गांधी केसीआर परिवार को घेरना शुरू करते हैं, बीआरएस नेता और केसीआर की बेटी गांधी परिवार पर तेलंगाना को बर्बाद कर डालने का इल्जाम मढ़ देती हैं - और केसीआर के बेटे केटी रामाराव, राहुल गांधी से प्रशांत किशोर की तरह पूछने लगते हैं कि उनकी अपनी हैसियत क्या है. जैसे प्रशांत किशोर, तेजस्वी यादव को लालू यादव के बेटे से ज्यादा अहमियत नहीं देते, केटीआर भी राहुल गांधी को गांधी परिवार के वारिस से ज्यादा महत्व नहीं देते.
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव पूछते हैं, राहुल गांधी कौन हैं? वो सोनिया गांधी और राजीव गांधी के बेटे हैं - और राजीव गांधी? वो इंदिरा गांधी के बेटे हैं... इंदिरा गांधी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बेटी हैं.
राहुल गांधी की राजनीति का जिक्र करते हुए केटीआर उनको नेता की जगह स्क्रिप्ट वाचक के तौर पर पेश करते हैं. मुश्किल ये है कि केटीआर को ये मौका भी राहुल गांधी ने ही दिया है. राहुल गांधी के भाषण के नोट्स तो लोगों ने देखे ही हैं, मई 2022 में जब वो नेपाल से लौटे तो उनका एक वीडियो वायरल हुआ था. हैदाराबाद में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठे राहुल गांधी को वीडियो में ये पूछते हुए देखा गया था कि 'किस मुद्दे पर बोलना है?'
बी-टीम बोलोगे तो सी-टीम सुनोगे
कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनाव की तारीख आने से पहले से ही बीजेपी और बीआरएस के बीच गुप्त समझौते का दावा करते आ रहे हैं - तभी तो वो बीआरएस को 'भाजपा रिश्तेदार समिति' तक बता चुके हैं.'
चुनावों दौरान दो राजनीति विरोधियों को एक की बी टीम बताने का रिवाज भी काफी पुराना है. ऐसा दिल्ली में भी होता है, और देश के चुनावी राज्यों में भी सुनने को मिलता है - और ठीक वैसे ही राहुल गांधी बीआरएस को बीजेपी की बी-टीम भी बता चुके हैं.
मीडिया से बात करते हुए बीआरएस नेता केटीआर इसे लेकर राहुल गांधी पर बरस पड़ते हैं, 'आप कह रहे हैं कि हम बीजेपी की बी-टीम हैं... हम कोई बी-टीम नहीं हैं.'
फिर कहते हैं, 'देश की एकमात्र सी-टीम कांग्रेस है... सी-टीम का मतलब चोर टीम... कांग्रेस ने चौतरफा लूट मचाई हुई है... उनके कई केंद्रीय मंत्री जेल गये... उन पर ईडी की जांच हो रही है.'