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राहुल गांधी INDIA ब्लॉक ममता को हैंडओवर कर दें, मणिशंकर अय्यर ऐसा क्यों चाहते हैं? | Opinion

ममता बनर्जी का सपोर्ट बेस INDIA ब्लॉक में बढ़ता जा रहा है. सहयोगी दलों के नेताओं की कौन कहे, अब तो कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर भी ऐसा ही चाहते हैं - क्या अय्यर ये सब सुर्खियों में आने के मकसद से कर रहे हैं?

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जब भी राहुल गांधी कांग्रेस को संभालने की कोशिश करते हैं, मणिशंकर अय्यर कुछ न कुछ बोल ही देते हैं.
जब भी राहुल गांधी कांग्रेस को संभालने की कोशिश करते हैं, मणिशंकर अय्यर कुछ न कुछ बोल ही देते हैं.

राहुल गांधी INDIA ब्लॉक में मिल रही हाल की चुनौतियों से धीरे धीरे उबरने की कोशिश कर रहे हैं. संसद में आंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री के बयान के बाद करीब करीब पूरा विपक्ष साथ नजर आ रहा है. छिटपुट वाकयों को छोड़ दें तो राहुल गांधी के खिलाफ बह रही हवा की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी लगती है, जो ऊपरी तौर पर नजर नहीं आ रही है. 

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लेकिन, अलग से लगी आग की चिंगारी उड़कर राहुल गांधी की तरफ बढ़ती है, और इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व का सवाल फिर से खड़ा हो जाता है. ये चिंगारी कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का ही बयान है. रह रह कर बयानों के जरिये विवादों में आ जाने वाले मणिशंकर अय्यर के निशाने पर अब राहुल गांधी आ गये हैं. 

कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान देकर सुर्खियों में छाये रहने वाले मणिशंकर अय्यर अब राहुल गांधी के लिए भी आरजेडी नेता लालू यादव जैसी सलाह दे रहे हैं. मणिशंकर अय्यर का ये बयान सीधे सीधे राहुल गांधी के खिलाफ जा रहा है. 

मणिशंकर अय्यर का ये बयान ऐसे समय आया है, जब राहुल गांधी आंबेडर के मुद्दे पर हाथ से फिसल रहे विपक्ष का समर्थन जैसे तैसे जुटाने में लगे हैं. मणिशंकर अय्यर कांग्रेस में हाशिये पर भेज दिये गये हैं. उम्र भी हो चुकी है. 87 साल. मणिशंकर अय्यर का कहना है कि वो पूरी तरह कांग्रेस में ही हैं, और बीजेपी में जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता. 

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सवाल ये है कि मणिशंकर अय्यर आखिर क्यों इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व कांग्रेस को सौंपने की सलाह दे रहे हैं. मामला तो ऐसा है ही कि सुर्खियां बननी ही हैं - तो क्या मणिशंकर अय्यर ये सब सुर्खियां बटोरने के लिए कर रहे हैं?
 
ममता को अय्यर इंडिया ब्लॉक का नेता बनते क्यों देखना चाहते हैं?

मणिशंकर अय्यर की एक किताब आई है, A Maverick in Politics. अपनी किताब में मणिशंकर अय्यर ने दिल खोलकर मन की बात की है. कांग्रेस और गांधी परिवार को लेकर अपने अनुभव शेयर करने के साथ ही, मणिशंकर अय्यर ने अपने प्रति सोनिया गांधी के नजरिये का भी जोर देकर जिक्र किया है. 

एक इंटरव्यू में मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस नेतृत्व को सलाह दी है कि इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व का विचार छोड़ देना चाहिये. मणिशंकर अय्यर की नजर में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी में विपक्षी गठबंधन को नेतृत्व देने की काबिलियत है. 

अय्यर कहते हैं, मुझे लगता है... कांग्रेस को विपक्षी गुट का नेता नहीं बनने के लिए तैयार रहना चाहिये... कोई फर्क नहीं पड़ता कि विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व कौन करता है.

वैसे तो मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस और पार्टी नेताओं की ये कहते हुए तारीफ की है कि कांग्रेस नेताओं की पोजीशन हमेशा ही महत्वपूर्ण रहेगी और ये भी जरूरी नहीं कि वो अकेली महत्वपूर्ण पार्टी हो. अय्यर कहते हैं, ममता बनर्जी में क्षमता है... दूसरे नेता भी हैं, जो गठबंधन का नेतृत्व कर सकते हैं... जो भी इसकी अगुआई करना चाहे, कांग्रेस को उसे करने देना चाहिये.

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देखा जाये तो मणिशंकर अय्यर भी वैसी ही बातें कर रहे हैं, जो लालू यादव कह रहे हैं. या फिर, विपक्षी दलों के दूसरे नेता ममता बनर्जी के सपोर्ट में या ऐसे समझें कि राहुल गांधी के खिलाफ बातें कर रहे हैं. 

अय्यर क्या राहुल गांधी से बदला लेना चाहते हैं?

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के उनके बारे में क्या विचार हैं, अपनी किताब में मणिशंकर अय्यर ने ये भी बताया है, मुझे नहीं पता कांग्रेस को मेरे बारे में क्या अच्छा नहीं लगता? सोनिया गांधी ने कहा था कि मैं अनगाइडेड-मिसाइल हूं, लेकिन गांधी और नेहरू की कांग्रेस में ऐसे लोगों को बड़े काम का समझा जाता था.

ये तो जगजाहिर है कि मणिशंकर अय्यर के विवादित बयान हमेशा ही कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ ही गये हैं. मोदी के लिए अय्यर का चायवाला बोलना कांग्रेस के खिलाफ गया, क्योंकि बीजेपी ने कैंपन का हिस्सा बना दिया, और कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई. 2017 के गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस अच्छा कर रही थी. 

गुजरात में कांग्रेस का 'कैंपेन विकास गांडो थायो छे' बीजेपी के लिए मुसीबत बनता जा रहा था, तभी अय्यर ने मोदी के लिए 'नीच' शब्द बोल दिया, और बीजेपी का काम हो गया. अगर अय्यर ने बयान नहीं दिया होता तो बीजेपी के लिए चुनाव जीत पाना काफी मुश्किल हो सकता था. 

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राहुल गांधी भी तब अय्यर की बात से नाराज हुए थे, और माफी भी मंगवाई थी. माफी मांगते वक्त अय्यर ने कहा था कि अपनी खराब हिंदी के कारण वो ऐसी बातें बोल गये थे. तब अय्यर को छह साल के लिए कांग्रेस से निकाल भी दिया गया था. 

एक बार फिर मणि शंकर अय्यर ऐसी बात कर रहे हैं जो राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठा रहा है. भले ही अय्यर ये सब अपनी किताब बेचने के लिए कर रहे हों, या खुद को इसी बहाने सुर्खियों में बनाये रखने के मकसद से, लेकिन नुकसान तो सीधा राहुल गांधी और कांग्रेस की ही हो रहा है.

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