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केजरीवाल सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद का इस्तीफा क्या वाकई भ्रष्टाचार के खिलाफ ही है?

आम आदमी पार्टी के लिए राजकुमार आनंद का दिल्ली सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा बड़ा झटका तो है, लेकिन उनके दावे पर सवाल भी खड़ा करता है. राजकुमार का कहना है, वो पार्टी के भ्रष्टाचार के दलदल में फंस जाने के कारण इस्तीफा दे रहे हैं - आखिर अब तक वो किस बात का इंतजार करते रहे?

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राजकुमार आनंद का इस्तीफा अरविंद केजरीवाल के लिए अलर्ट है.
राजकुमार आनंद का इस्तीफा अरविंद केजरीवाल के लिए अलर्ट है.

दिल्ली सरकार के मंत्री पद से राजकुमार आनंद के इस्तीफे पर शक के बादल छाये हुए लगते हैं. और यही वजह है कि राजकुमार आनंद के इस्तीफे को लेकर आम आदमी पार्टी के सवाल बेबुनियाद नहीं लगते.

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अगर राजकुमार आनंद ये काम पहले ही कर दिये होते तो संदेह की ऐसी स्थिति नहीं लगती, भले ही आम आदमी पार्टी की राजनीतिक प्रतिक्रिया चाहे जो भी होती - जैसे किसी भी अपराध को लेकर देर से कराये जाने वाली FIR पर सवाल उठते हैं, राजकुमार आनंद के इस्तीफे के साथ भी बिलकुल ऐसा ही हुआ है.

अगर वास्तव में राजकुमार आनंद ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार की वजह से इस्तीफा दिया है, तो ऐसा वो पहले भी तो कर सकते थे - आखिर इस्तीफा देने के लिए राजकुमार आनंद किस बात का इंतजार करते रहे?

राजकुमार आनंद का क्या कहना है 

दिल्ली सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राजकुमार आनंद ने एक खास बात भी कही है, 'मुझे कहीं से भी ऑफर नहीं मिला है.' राजकुमार आनंद दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे. 

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प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर राजकुमार आनंद ने पहले कहा, मैं सरकार में मंत्री हूं... मेरे पास 7 पोर्टफोलियो है, लेकिन आज मैं बहुत व्यथित हूं... मैं आज आपसे अपना दुख साझा करने आया हूं.

बोले, 'मेरे लिए मंत्री पद पर रहकर सरकार में काम करना असहज हो गया है... मैं मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं - क्योंकि मैं इन भ्रष्ट आचरणों में अपना नाम नहीं जुड़वाना चाहता.'

राजकुमार आनंद ने ये भी कहा कि वो बहुत व्यथित हैं. और बताया कि ये सोच कर अरविंद केजरीवाल के साथ आये थे कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा. बोले, आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ था... आज ये पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है.'

हाल फिलहाल ऐसा पहली बार हुआ है जब आम आदमी पार्टी पर किसी ने भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया है. अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप सबसे पहले कपिल मिश्रा ने लगाया था. कपिल मिश्रा बाद में आम आदमी पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गये. कपिल मिश्रा ने एक बार अरविंद केजरीवाल पर दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. 

आरोप तो कवि कुमार विश्वास अरविंद केजरीवाल पर आतंकवादियों से रिश्ते होने जैसे भी लगा चुके हैं, लेकिन कपिल मिश्रा के आरोपों को तब उन्होंने भी ने सही नहीं माना था - लेकिन अभी ते ये है ही कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के ही आरोप में जेल भेजे गये हैं. 

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ध्यान देने वाली बात ये है कि राजकुमार आनंद के यहां भी ईडी के छापे पड़े थे, लेकिन उसके महीने भर बाद भी वो मंत्रिमंडल में टिके रहे. और अब तक टिके रहने का मतलब तो यही हुआ कि वो भी इस बात से इत्तेफाक रखते थे कि जेल से दिल्ली सरकार चलाई जा सकती है - वरना, अरविंद केजरीवाल के गिरफ्तार होने के बाद भी इस्तीफा न देने का वो विरोध किये होते. 

राजकुमार आनंद के इस्तीफे के पीछे आम आदमी पार्टी ने उनका डर बताया है, लेकिन सहानुभूति जताते हुए उनको परेशान किये जाने के लिए आप नेताओं ने बीजेपी को भी निशाना बनाया है. 

मंत्री के इस्तीफे ने संजय सिंह का कद बढ़ा दिया

राजकुमार आनंद के इस्तीफे पर अपने रिएक्शन में दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है, राजकुमार आनंद ने जो किया है, वो एक तरह का सुईसाइड है... ये आग में कूदना है... एक चुने हुए विधायक, और मंत्री को इस तरीके से डराया गया... एक छोटे कमरे में छिपकर प्रेस कांफ्रेंस कर उनको इस्तीफा देना पड़ रहा है. 

आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा, हमने बार बार बताया था कि अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के पहले पार्टी को तोड़ना... पंजाब और दिल्ली में सरकार को गिराना उनका मकसद है. मुझे लगता है कि राजकुमार आनंद डर गए कि उनको तिहाड़ ले जाएगा. एक दलित समाज से आने वाले विधायक को डराया जा रहा है.

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जेल से जमानत पर रिहा हुए राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सौरभ भारद्वाज ने राजकुमार आनंद की मजबूरियों की ओर भी अपनी तरफ से ध्यान दिलाया, मैं मानता हू्ं कि एक परिवार चलाने वाला आदमी जिसके बच्चे हैं, परिवार है... ऐसे में ईडी पकड़कर ले जाएगी... और तिहाड़ में कई साल तक सड़ाया जाएगा, इसलिए वो डर गये... वो कई बार पार्टी के साथियों से कह चुके थे कि जैसे ही एक्टिव होता हूं... फोन आ जाता है... हर कोई संजय सिंह नहीं होता है.

संजय सिंह ने कहा, ये वही राजकुमार आनंद हैं जिनके यहां 23 घंटे तक ईडी की रेड पड़ी थी... तब बीजेपी कह रही थी कि राजकुमार आनंद भ्रष्ट हैं... हो सकता है कि कल राजकुमार आनंद को भाजपा के नेता माला पहनाते हुए नजर आएं. 

और फिर अपने अंदाज में संजय सिंह ने ऐसे वाकयों को टालने के मकसद से पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बनाये रखने की कोशिश की. बोले, भारतीय जनता पार्टी, ईडी और सीबीआई के इस्तेमाल से पार्टियों को तोड़ रही है... आज आम आदमी पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता और नेता की भी परीक्षा है. 

संजय सिंह ने कहा, हम जानते हैं... लड़ाई में कुछ लोग पीछे हटेंगे, कुछ लोग टूटेंगे, किसी का मनोबल काम होगा... अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के पीछे आम आदमी पार्टी को तोड़ना ही मंशा है.

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बाकी बातें अपनी जगह हैं, लेकिन राजकुमार आनंद के इस्तीफे ने संजय सिंह की छवि और निखार दी है, और वो बहादुरी की मिसाल बताये जाने लगे हैं. 

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