अल्लू अर्जुन की पुष्पा 2 नई शोहरत के साथ मुसीबत लेकर भी आई है. पुलिस केस तो हुआ ही गिरफ्तारी और जमानत मिल जाने के बाद विधानसभा में भी मामला उठा - और अल्लू अर्जुन अब भी सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं.
तेलंगाना विधानसभा में AIMIM विधायक अकबरूद्दीन ओवैसी का बयान सुनें तो रील-लाइफ के हीरो अल्लू अर्जुन रियल-लाइफ में विलेन ही नजर आते हैं, लेकिन अल्लू अर्जुन ऐसे इल्जाम खारिज करते हैं - और पूरे प्रकरण में दोनो पक्षों में से कोई भी एक-दूसरे का नाम नहीं ले रहा है. सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक हर जगह ये सारी बातें देखी, पढ़ी और सुनी जा सकती हैं.
महत्वपूर्ण बात ये है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी अकबरूद्दीन औवेसी की बातों को एनडोर्स कर रहे हैं. कहते हैं कि बतौर मुख्यमंत्री वो उन बातों को कह नहीं सकते, लेकिन अकबरूद्दीन ओवैसी जो कह रहे हैं, वो सही हैं क्योंकि वैसी बातें वो खुद भी सुन रहे हैं - और बहुत सारी बातें उनको पुलिस से मालूम हुई हैं.
विधानसभा में अल्लू अर्जुन केस
AIMIM विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने अल्लू अर्जुन का नाम तो नहीं लिया, लेकिन बड़ा इल्जाम लगाते हुए कहा कि जब मशहूर एक्टर को महिला की मौत के बारे में बताया गया तो उनका कहना था, 'अब फिल्म हिट होगी'.
विधानसभा में अकबरुद्दीन ओवैसी का बयान है, मैं उस मशहूर एक्टर का नाम लेना नहीं चाहता, क्योंकि मैं अहमियत नहीं देना चाहता. लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार वो फिल्मस्टार थिएटर गए थे, फिल्म देखने... वहां गड़बड़ हुई... पुलिस वाले बताये कि भगदड़ हो गई है... और बच्चे दब गये हैं... और एक महिला की मौत हो गई... वो फिल्मस्टार पलटे और मुस्कुराते हुए बोले... अब फिल्म हिट होने वाली है.
तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, संध्या थिएटर ने महिला की मौत अल्लू अर्जुन की लापरवाही से हुई, क्योंकि वो पुलिस की बात नहीं सुने.
पुलिस के हवाले से मिली जानकारी शेयर करते हुए रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में बताया है, थिएटर के अंदर एक्टर की मौजूदगी के कारण वहां भगदड़ मच गई... जब एसीपी ने उनको बताया तो भी वो कोई बात नहीं सुन रहे थे... वो बाहर जाने को राजी नहीं हुए.
रेवंत रेड्डी बताते हैं, डीसीपी ने जाकर उनको चेताया कि अगर हटे नहीं तो वह वहां से नहीं हटे, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. फिर उनको कार में बैठाया गया... जाते समय भी उन्होंने कार की सनरूफ खोल दी... और हाथ वेव करते, रोड शो की तरह निकले.
और ये सब बताते हुए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी आगाह करते हैं, बिजनेस कीजिए, लेकिन... अगर लोगों की जान के साथ खेलेंगे, तो हम स्वीकार नहीं करेंगे... जब तक हम सत्ता में हैं, ये नहीं चलेगा.
कुछ देर बाद, अल्लू अर्जुन ने अपने घर पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई, और बोले, मैंने कोई रोड शो नहीं किया. कह रहे थे, मैं साफ करना चाहता हूं कि कई गलत खबरें और अफवाहें फैली हुई हैं. अल्लू अर्जुन ने बताया कि वो थिएटर में रैली करने नहीं गये थे, बल्कि अपने फैंस से ये कहने गये थे कि वे किनारे की तरफ न जायें, आगे की तरफ बढ़ें.
प्रेस कांफ्रेंस में देर से आने के लिए माफी मांगते हुए अल्लू अर्जुन ने कहा कि उनको खुद को संभालने में समय लग गया. बोले, प्रेस मीट की मुख्य वजह बहुत सारी गलतफहमियां हैं... गलत सूचनाएं और गलत आरोप हैं... मैं चरित्र हनन से बेहद अपमानित महसूस कर रहा हूं... ये वो वक्त है जब मुझे जश्न मनाना चाहिये, खुश होना चाहिये... लेकिन पिछले 15 दिनों से मैं कहीं नहीं जा पाया हूं... कानूनी तौर पर, मैं बंधा हुआ हूं... मैं नहीं जा सकता.
अल्लू अर्जुन ने कहा, ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना है... दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है... मैं किसी के खिलाफ बात नहीं करना चाहता. पुलिस के अनुसार, महिला के पति की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है, जिसके बाद अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया गया था. कुछ देर बाद ही तेलंगाना हाई कोर्ट ने अल्लू अर्जुन को चार हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी थी.
क्या अल्लू अर्जुन केस पर राजनीति हो रही है?
थिएटर में मचे भगदड़ के मामले में जिस तरह से अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी हुई, वैसा कम ही देखने को मिलता है. जुलाई, 2024 में उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भगदड़ में सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, लेकिन जिसके लिए आयोजन हुआ था, उसका नाम एफआईआर तक में शामिल नहीं था. आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज जरूर हुआ था, और तोहमत स्थानीय प्रशासन पर थोपी गई थी. इसी तरह शाहरुख खान की मूवी रईस के रिलीज होने के समय भी हुआ था. गुजरात में शाहरुख खान को देखने के लिए हुए भगदड़ में एक शख्स की मौत हुई थी. पर शाहरुख खान को पुलिस एक्शन का सामना नहीं करना पड़ा. हालांकि बाद में कोर्ट के आदेश पर जरूर एक मामला दर्ज हुआ जो बाद में रफा दफा हो गया.
और, जब अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी हुई, वो मौका भी राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण था. अगर तेलंगाना में कांग्रेस की जगह कोई और सरकार होती तो भी खूब बवाल हुआ होता - और अलग तरह के राजनीतिक बयान आ रहे होते. हादसे के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी हाथरस गये थे, बहुत कुछ बोला भी था.
अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी उसी दिन हुई थी, जिस दिन लोकसभा में प्रियंका गांधी का पहला भाषण हुआ था. संविधान पर हुई बहस में कांग्रेस महासचिव और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने बेहतर तरीके से अपनी बात रखी थी, और राहुल गांधी के मुकाबले उनके भाषण के अंदाज और लहजे को बेहतर माना गया था. खुद राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी के भाषण को अपनी पहली स्पीच से बेहतर बताया था, लेकिन हकीकत तो ये थी कि राहुल गांधी के अभी के भाषणों से भी प्रियंका गांधी का भाषण हर मामले में अच्छा था. जब सत्ता पक्ष के एक सांसद प्रियंका गांधी के भाषण के दौरान हंस रहे थे, तो कांग्रेस सांसद ने उनको भी टोक दिया, आप हंस रहे हैं, लेकिन ये गंभीर बात है.
फर्ज कीजिये, अगर तेलंगाना में कोई कांग्रेस की विरोधी सरकार होती तो हमला बोल दिया गया होता. आरोप लगता कि हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया गया. मतलब, अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी की खबर आये और प्रियंका गांधी के भाषण की खबर दब जाये. हुआ तो बिल्कुल यही था.
बड़ा सवाल ये है कि कांग्रेस की सरकार में ही प्रियंका गांधी के साथ ऐसा क्यों हुआ?
और सवाल ये भी है कि क्या अल्लू अर्जुन किसी तरह की राजनीति के शिकार हुए हैं?