मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को पंचायत आजतक मध्य प्रदेश के मंच से सनातन की परिभाषा बताई और कांग्रेस पर इसके लिए निशाना भी साधा. सीएम शिवराज ने कहा कि सनातन वह है जो आदिकाल से चला आ रहा है और अनादिकाल तक जिसे कोई समाप्त नहीं कर सकता. शिवराज सनातन मुद्दे पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से सनातन पर स्टैंड क्लियर करने को कहते है्ं. सनातन मुद्दे पर सोनिया गांधी के मौन पर सवाल उठाते हैं. पर सवाल यह है कि क्या मध्यप्रदेश के चुनावों में सनातन मुद्दा बनेगा? वह भी ऐसी हालत में जब मध्यप्रदेश कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा खुद हिंदू हितों की बात करता हो. जी हां आज की तारीख में कमलनाथ कांग्रेस पार्टी में सॉफ्ट हिंदुत्व के सबसे बड़े पैरोकारों में से एक हैं.
कांग्रेस का हिंदुत्व और सनातन पर चाहे जो रुख हो पर कमलनाथ ने लगातार हिंदू धर्म पर दिए अपने बयानों और कार्यों से हिंदुत्व के लिए सॉफ्ट छवि बना ली है.अब शिवराज लाख कहें कि श्रीराम का अस्तित्व नहीं मानने वाले संकट में पड़ने पर संकट कटै मिटे सब पीरा का जाप करने लगे हैं. पर कमलनाथ आज से अपने को हिंदू नहीं दिखा रहे हैं, जब उनकी सरकार बनी थी तो भी उन्होंने हिंदू हितों की रक्षा के लिए कई काम किए थे.
मुख्यमंत्री रहते कमलनाथ ने राम वन गमन पथ प्रोजेक्ट की योजना ,गौ संरक्षण के लिए 1309 करोड़ रुपए का अनुदान, तो जबलपुर में नर्मदा रिवर फ्रंट को विकसित करने की घोषणा की थी. कमलनाथ ने अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा के सिमरिया में 101 फ़ीट ऊंची भगवान हनुमान जी की प्रतिमा का निर्माण करवाया है.
इसके साथ ही कमलनाथ मध्यप्रदेश में बीजेपी को उन्हीं की भाषा में जवाब देने के लिए जाने जाते हैं.बीजेपी अगर बागेश्वर वाले बाबा का सहारा लेती है तो कमलनाथ भी उन्हीं से राम कथा कराने का मौका नहीं छोड़ते हैं. बल्कि मौका पड़ने पर हिंदू राष्ट्र की भी बात कर देते हैं. उन्होंने एमपी में कांग्रेस का पुजारी प्रकोष्ठ बनाया है जो गांव गांव में पुजारियों को एक कर रहा है. यहां पूजा-पाठ और यज्ञ भी हो रहे हैं. पूजा प्रकोष्ठ का सम्मलेन कराया तो पूरा कांग्रेस कार्यालय भगवा झंडों से पाट देने में भी संकोच नहीं किया.
कमलनाथ के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ भी बनाया गया है.इसके जरिए कथावाचक ऋचा गोस्वामी इन दिनों एमपी की सभी विधानसभा सीटों पर सुंदरकांड, श्रीमद्भागवत कथा और शिव महापुराण का पाठ करवा रही हैं.
हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर विवाद होने के बाद कमलनाथ ने कहा, "उन्होंने (धीरेंद्र शास्त्री) हिंदू राष्ट्र की बात नहीं की, उन्होंने तो पूरे देश की बात की, उन्होंने कहा कि ये देश सभी धर्म का है. हिंदू राष्ट्र बनाने की क्या बात है, 82 फ़ीसदी लोग तो हिंदू हैं ही. धीरेंद्र शास्त्री क्या हिंदू पैदा कर रहे हैं? जिस देश में हिंदू इतने बड़े परसेंट में हों तो वहां ये बहस की बात होनी ही नहीं चाहिए, ये तो है ही. 82 फ़ीसदी हिंदू हैं तो हम कहें कि ये हिंदू राष्ट्र है, ये क्या कहने की बात है, ये तो आंकड़े बताते हैं."
कमलनाथ के लिए इस तरह का हिंदू समर्थक बयान देना इतना आसान भी नहीं था. हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर खुद को सेक्युलर कहने वाली पार्टियां ही नहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस के कई मुस्लिम नेताओं ने भी सवाल उठाया. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी कमलनाथ पर निशाना साधा. "कांग्रेस के मध्य प्रदेश के 'दिग्गज' नेता साफ़-साफ़ वही कह रहे हैं जो मोहन भागवत कहते हैं, कि भारत हिंदू राष्ट्र है. भारत सिर्फ़ एक समुदाय का देश नहीं है. भारत कभी हिंदू राष्ट्र ना था, ना है और ना कभी होगा इंशाअल्लाह. 'मोहब्बत की दुकान' में नफ़रत की तस्करी हो रही है. दूसरों पर बी-टीम का ठप्पा लगाने का अधिकार इन्हें कहाँ से मिला? कल के दिन अगर भाजपा हार भी जाए, तो इस नफ़रत में क्या कोई कमी आएगी?"
दरअसल मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच लोक-लुभावन वादों की होड़ लगी हुई है. दोनों पार्टियों की ओर रेवड़ियों की घोषणा हो रही है. कांग्रेस बेंगलुरू और हिमाचल के तर्ज पर लोक लुभावन वादें करने में बीस साबित हो रही है इसलिए बीजेपी सनातन का सहारा लेकर कांग्रेस को बैकफुट पर डालना चाहती है. पर हिंदुत्व के मुद्दे पर कांग्रेस नेता तू डाल-डाल तो मैं पात-पात वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हैं. बीजेपी अगर कांग्रेस की रेवड़ियों का मुकाबला सनातन के मुद्दे से भोथरा करने के फिराक में है तो वो गलतफहमी है.