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BJP और TMC की लड़ाई में संदेशखाली की महिलाओं को इंसाफ कौन दिलाएगा?

संदेशखाली की महिलाएं आग बबूला हैं. वे स्‍थानीय टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके साथियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा रही हैं, जबकि, ममता बनर्जी उसमें बीजेपी की साजिश देख रही हैं. शेख वही है जिस पर ई़डी की टीम पर हमले का आरोपी भी है, जिसे लेकर भी बीजेपी और टीएमसी आमने-सामने आ गये थे- बवाल के बीच बड़ा सवाल है कि वहां की महिलाओं को इंसाफ कौन दिलाएगा?

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ममता बनर्जी टीएमसी नेता शाहजहां शेख के बचाव में खड़ी हैं, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी है
ममता बनर्जी टीएमसी नेता शाहजहां शेख के बचाव में खड़ी हैं, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी है

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में मचे बवाल की जड़ में शाहजहां शेख और उसके समर्थक हैं. स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख पर लोगों की जमीन हड़प लेने और उसके समर्थकों द्वारा इलाके की महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप है - लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने नेता के बचाव में खुद मोर्चे पर आ डटी हैं. 

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शाहजहां शेख वही टीएमसी नेता है, जिस पर छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हमला कराने का गंभीर इल्जाम है. 5 जनवरी, 2024 को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राशन घोटाला केस में शाहजहां शेख से पूछताछ करने गये थे. शाहजहां शेख तो फरार हो गया, लेकिन उसके समर्थकों ने ईडी के अफसरों पर धावा बोल दिया, जिसमें कुछ अफसर घायल भी हो गये थे. 

संदेशखाली के मसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में बयान दिया है. ममता बनर्जी का कहना है कि वो संदेशखाली के हालात पर नजर रख रही हैं, और किसी ने कुछ भी गलत किया है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. 

संदेशखाली को लेकर राज्य सरकार के अब तक के कदम के बारे में ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य महिला आयोग की टीम ने भी दौरा किया है, और पुलिस ने 17 उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया है. लगे हाथ ममता बनर्जी ये भी दावा करती हैं कि गिरफ्तार किये गये लोग बीजेपी के कार्यकर्ता हैं. 

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विधानसभा में ममता बनर्जी ने पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए आश्वस्त करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, मैंने अपने जीवन में कभी भी अन्याय नहीं होने दिया. मुख्यमंत्री के इस आश्वासन से निश्चित रूप से पीड़ितों को इंसाफ की उम्मीद बंधी होगी, लेकिन जिस तरह से ये मामला टीएमसी और बीजेपी की राजनीतिक लड़ाई का रूप ले चुका है, थोड़ा संदेह भी होता है. 

महिलाओं की शिकायत और इल्जाम

1. संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया है. महिलाओं से रेप और उनकी जमीनें हड़पने के आरोपों पर अदालत ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से 20 फरवरी तक जवाब मांगा है. 

पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले में धारा 144 लगाने के खिलाफ भी हाईकोर्ट ने खुद एक्शन लिया है. कोर्ट का कहना है, संदेशखाली में जो भी हो रहा... विचलित करने वाला है... मीडिया में दिखाया गया कि महिला के साथ गन पॉइंट पर यौन उत्पीड़न हुआ... ये दुखद है.

2. संदेशखाली की महिलाओं का कहना है कि बलात्कार को साबित करने के लिए उनसे मेडिकल रिपोर्ट मांगी जा रही है. पूछती हैं, गांव की महिलाएं कैसे आगे आकर कह सकती हैं कि उनके साथ बलात्कार हुआ है? 

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3. कई महिलाओं का आरोप है कि शाहजहां शेख और उसके सपोर्टर रात में घर की बहू-बेटियों को ले जाते थे, और सुबह छोड़ते थे. शाहजहां शेख के आदमियों का नाम लेकर महिलाएं कह रही हैं कि बैठक के बहाने रात में पार्टी ऑफिस में उनको बुलाया जाता था, और घर के पुरुषों को उठाकर, वहां ले जाकर डंडे से पीटते थे, ताकि महिलाएं जाने के लिए मजबूर हो जाएं.

महिलाएं सुरक्षा चाहती हैं, लेकिन कह रही हैं कि बंगाल पुलिस भी मिली हुई है. कहती हैं, घर से बाहर जाने में डर लगता है. वे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं. 
 
चुनाव से पहले ही राजनीति जोर पकड़ चुकी है

संदेशखाली को लेकर बीजेपी और टीएमसी तो आमने सामने नजर आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस लापता है. मणिपुर से न्याय यात्रा पर निकले राहुल गांधी किसानों के मामले में केंद्र की मोदी सरकार से सवाल जरूर पूछ रहे हैं, लेकिन संदेशखाली की महिलाओं की आवाज शायद उन तक नहीं पहुंच पा रही है, ताकि वो ममता बनर्जी सरकार से भी सवाल कर सकें. 

संदेशखाली पश्चिम बंगाल के बशीरहाट लोक सभा के तहत आती है, जिसका प्रतिनिधित्व टीएमसी की महिला सांसद नुसरत जहां करती हैं. लोगों का कहना है कि काफी दिनों से नुसरत जहां को इलाके में नहीं देखा गया है. वैसे सोशल साइटों पर नुसरत जहां को देखा जा सकता है. सोशल साइट X पर नुसरत जहां ने संसद के अपने लेटेस्ट भाषण का एक वीडियो शेयर किया है - और इंस्टाग्राम पर पति के साथ वैलेंटाइन डे पर एक वीडियो. 

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नुसरत जहां की पोस्ट पर बीजेपी का कटाक्ष है, प्राथमिकताएं मायने रखती हैं... संदेशखाली में महिलाएं अपने सम्मान के लिए प्रदर्शन कर रही हैं... और बशीरहाट से टीएमसी सांसद वैलेंटाइन डे सेलिब्रेट कर रही हैं. 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी पर टीएमसी नेता शाहजहां शेख को बचाने का आरोप लगाया है. स्मृति ईरानी का कहना है, ममता बनर्जी ने एससी-एसटी, मछुआरों के परिवार और किसानों के सम्मान का सौदा कर लिया... महिलाओं का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है.

बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार संदेशखाली के रास्ते में पुलिस के साथ झड़प में घायल हो गये थे, और अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है. 

ममता बनर्जी राज्यपाल के दौरे पर भी नाराजगी जता चुकी हैं. उनका कहना था, वो जहां चाहें जायें. ममता बनर्जी अब खुल कर टीएमसी नेता शाहजहां शेख का बचाव कर रही हैं. ममता बनर्जी ने संदेशखाली में बीजेपी पर साजिश रचने आरोप लगाया है, और इलाके में आरएसएस का बंकर होने का दावा किया है. 

बीजेपी को टारगेट करते हुए ममता बनर्जी कहती हैं, पहले, वे इलाके में घुसे... फिर ईडी के माध्यम से शेख शाहजहां को निशाना बनाया... और फिर लोगों के जीवन में परेशानी खड़ी करनी शुरू कर दी. 
संदेशखाली की महिलाओं की सुरक्षा के सवाल पर ममता बनर्जी का कहना है, महिलाओं की एक पुलिस टीम घर-घर जाकर देख रही है कि क्या कोई शिकायत है? अगर महिलाएं रिपोर्ट दर्ज कराती हैं, तो हम गौर करेंगे.

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चुनाव से पहले, चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद भी - पश्चिम बंगाल में हिंसा की ये परिपाटी बहुत पुरानी है. लोक सभा चुनाव 2024 से पहले एक बार फिर हिंसा का दौर शुरू हो गया है. ये सिलसिला तब से चला आ रहा है जब राज्य में वाम मोर्चे का शासन हुआ करता था, और तृणमूल कांग्रेस की सरकार में भी जारी है. ऐसे में लगता नहीं कि हालात बदलने वाले हैं. 

हिंसा के पीछे जो लोग हैं, वे कभी लेफ्ट के कार्यकर्ता हुआ करते थे, अब वे टीएमसी का चोला ओढ़ चुके हैं. कल कोई और होता है तो ये वहां भी अपने को ऐडजस्ट कर लेंगे - आम लोग पहले भी शिकार होते रहे हैं, अब भी हो रहे हैं. अभी तो संदेशखाली की महिलाएं पिस रही हैं - बीजेपी और TMC की मौजूदा लड़ाई में एक ही सवाल बचता है पीड़ित महिलाओं को इंसाफ कौन दिलाएगा? 

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