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केजरीवाल क्या दिल्ली की मुश्किलों का हल हरियाणा में ढूंढने लगे हैं?

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन का साफ असर दिखाई पड़ रहा है. हरियाणा में सुनीता केजरीवाल ने मोर्चा संभाला है - और लोगों को समझा रही हैं कि वे भी अरविंद केजरीवाल के साथ वैसे ही पेश आयें, जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात के लोगों का व्यवहार होता है.

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केजरीवाल क्या दिल्ली की  मुश्किलों का हल हरियाणा में ढूंढने लगे हैं?
केजरीवाल क्या दिल्ली की मुश्किलों का हल हरियाणा में ढूंढने लगे हैं?

हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों पर आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ने जा रही है, और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के नेतृत्व में चुनाव कैंपेन शुरू हो चुका है - अपने कैंपेन के दौरान सुनीता केजरीवाल और पति को हरियाणा के लाल के रूप में पेश करते हुए लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा आशीर्वाद मांग रही हैं. अपने तरीके से वो ये समझाने की कोशिश कर रही हैं कि हरियाणा के लोग भी चाह लें तो अरविंद केजरीवाल की जीत वैसे ही पक्की कर सकते हैं, जैसे गुजरात के लोग मोदी को जिताते आ रहे हैं.  

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लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी सुनीता केजरीवाल आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली के साथ साथ दूसरे राज्यों में भी कैंपेन कर रही थीं. बाद में जब सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को चुनाव कैंपेन के लिए अंतरिम जमानत दे दी तो सुनीता केजरीवाल ने अरविंद केजरीवाल को चुनावी मशाल सौंप दी थी. बाद में दोनो मिल कर अपनी पार्टी के लिए कैंपेन करते रहे. अरविंद केजरीवाल ने तो कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए भी वोट मांगे - लेकिन आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार तो चारो खाने चित्त हुए ही, कांग्रेस वाले भी अपने हिस्से के तीनों इलाकों में बीजेपी के सामने हथियार डाल दिये. 

लोकसभा की ही तरह हरियाणा में भी चुनाव कैंपेन के दौरान सुनीता केजरीवाल के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी ही नजर आते हैं, और वो बार बार यही समझाने की कोशिश कर रही हैं कि कैसे हरियाणा के लाल को मोदी ने जेल में डाल दिया है. लगे हाथ ये भी बताती हैं कि अरविंद केजरीवाल शेर हैं, और वो मोदी या किसी से डरने वाले नहीं हैं. अरविंद केजरीवाल न किसी के सामने झुकेंगे, न ही टूटेंगे. 

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हरियाणा के लिए लिए भी सुनीता केजरीवाल दिल्ली और पंजाब की ही तरह केजरीवाल की 5 गारंटी का खासतौर से जिक्र कर रही हैं. आम आदमी पार्टी की तरफ से वादा कर रही हैं कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो दिल्ली और पंजाब की ही तरह लोगों को मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली की सुविधा मिलेगी - और महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये भी मिलेंगे. लोकसभा चुनाव के दौरान भी अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवालों से कहा था कि जेल से छूट कर आने के बाद वो महिलाओं को हर महीने पैसे देने का वादा जरूर पूरा करेंगे. 

अरविंद केजरीवाल को ईडी वाले मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अंतरिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन सीबीआई केस में दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है, और ट्रायल कोर्ट जाने को कहा है. वैसे सुनने में आ रहा है कि अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है. केजरीवाल के साथी, दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. 

आम आदमी पार्टी जिस तरह हरियाणा को लेकर गंभीरता दिखा रही है, पहले कभी नहीं देखने को मिला है. हरियाणा में अरविंद केजरीवाल जब तक रैलियां करते रहे हैं, लेकिन कभी राजनीतिक रूप से गंभीर नहीं लगे. कहने को तो हिसार में अरविंद केजरीवाल ने अपने मेक इंडिया नंबर 1 कैंपेन की शुरुआत उसी दिन की थी, जिस दिन राहुल गांधी कन्याकुमारी से 2022 में भारत जोड़ो यात्रा पर निकले थे. 

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सवाल ये है कि सुनीता केजरीवाल हरियाणा के लोगों को अलग से भरोसा दिला पाएंगी क्या?

मोदी जैसा आशीर्वाद चाहती हैं सुनीता केजरीवाल

हरियाणा के सोहना में आम आदमी पार्टी की रैली में सुनीता केजरीवाल की जबान पर बार बार दो ही नाम आ रहे थे - पहला, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दूसरे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का. 

सुनीता केजरीवाल ने तरह तरह से लोगों को समझाने की कोशिश कर रही थीं कि कैसे हरियाणा के बेटे के साथ दिल्ली में नाइंसाफी हो रही है. सुनीता केजरीवाल रैली में कह रही थीं, मोदी जी ने हरियाणा को ललकारा है कि 'मैंने आपके बेटे को जेल में' डाल दिया है... अब कर लो जो करना है. मैं भी हरियाणा की बहू हुई... मैं आपसे पूछना चाहती हूं, आप सब चुपचाप ये सब सहते रहेंगे... देखते रहेंगे, आपके बेटे को जेल में डाल दिया.

भीड़ में से जवाब आता है, नहीं.

फिर लोगों को समझाती हैं, मोदी जी गुजरात से हैं... 2014 में जब प्रधानमंत्री बने, पूरे गुजरात ने उनका समर्थन किया, साथ दिया... गुजरात से सारी सीटें बीजेपी को दे दी... आपके बेटे ने हरियाणा का नाम पूरे देश, और दुनिया में रोशन किया है. आप अपने बेटे का साथ नहीं देंगे? आप चुपचाप बैठे रहेंगे? 

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सुनीता केजरीवाल पूछती हैं, अभी विधानसभा चुनाव आ रहे हैं... बीजेपी को एक वोट नहीं जाना चाहिये. नहीं जाएगा?
भीड़ फिर वैसे ही जवाब देती है - 'नहीं जाएगा.'

लोगों से सुनीता केजरीवाल कहती हैं, आपको अपने बेटे को भारी बहुमत से जिताना है... ये सवाल अरविंद केजरीवाल का नहीं है, ये हरियाणा की इज्जत का सवाल है. 

हरियाणा के लोगों से सुनीता केजरीवाल सिर्फ आम आदमी पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव में वोट ही मांग रही हैं, या फिर अभी से अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री बनाने का वरदान भी मांग रही हैं?

ये तो हरियाणा के लोगों पर निर्भर करता है कि वे सुनीता केजरीवाल के मन की बात समझ पाते हैं या नहीं. वो जो भी कहे, ये तो लोगों पर ही निर्भर करता है कि वो सुनीता केजरीवाल को बहूम मानते हैं या नहीं. कहने को तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी चुनावों में बताती रही हैं कि वो भी पंजाबी बहू हैं. 

लोकसभा चुनाव से पहले तो अरविंद केजरीवाल खुद को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा चैलेंजर होने का दावा कर रहे थे, लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन काफी निराशा जनक रहा. 

वैसे भी दिल्ली में जिस तरह से एमसीडी पर भी सुप्रीम कोर्ट के नये आदेश से दिल्ली की सरकार पर दबाव बढ़ रहा है, अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम के लिए मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं - और अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस से अलग होकर लड़ने से कोई ज्यादा उम्मीद नहीं ही नजर आ रही है. 

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हरियाणा को लेकर कभी केजरीवाल की खास दिलचस्पी दिखी नहीं है

दिल्ली से बाहर आम आदमी पार्टी के लिए पहला चुनाव 2014 का लोकसभा चुनाव था. उससे पहले अरविंद केजरीवाल दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के बाद इस्तीफा भी दे चुके थे - लेकिन 2014 से लेकर अब तक हरियाणा में आम आदमी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी. लोकसभा सीट तो दिल्ली में भी नहीं जीत पाई है,  लेकिन हरियाणा में तो विधानसभा सीट भी नहीं जीत सकी है - और हरियाणा की राजनीति में कभी ऐसा भी नहीं लगा कि अरविंद केजरीवाल बहुत गंभीर हों. 

पहली बार हरियाणा में चुनावी कमान योगेंद्र यादव के जिम्मे रही, जब वो आम आदमी पार्टी में हुआ करते थे. 2014 में गुड़गांव लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़े थे, लेकिन पार्टी के 10 उम्मीदवारों में से कोई भी अपनी जमानत तक नहीं बचा सका था. 2024 में आम आदमी पार्टी की तरफ से सुशील गुप्ता कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे. कुरुक्षेत्र के मैदान में वो INDIA गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे,  लेकिन बीजेपी के नवीन जिंदल से 29 हजार वोटों से हार गये थे. 

ऐसे में जबकि अरविंद केजरीवाल अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं, और दिल्ली विधानसभा चुनाव में थोड़ा वक्त है, हरियाणा विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए प्रैक्टिस मैच जैसा ही है, और खुद को आजमाने का मौका भी अच्छा है, लेकिन बहुत ज्यादा उम्मीद लगा लेना निराश भी कर सकता है. 

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देखने में आया है कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा पर पंजाब को तरजीह देते रहे हैं, और उनका प्रयोग सफल भी रहा है. दिल्ली की तरह पहले प्रयास में न सही, सरकार तो बना ही ली है. सुनीता केजरीवाल की ताजा सक्रियता देखकर तो ऐसा ही लगता है जैसे अरविंद केजरीवाल दिल्ली की  मुश्किलों का हल हरियाणा में ढूंढने लगे हैं.
 

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