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दिल्ली सीएम हाउस में स्वाति मालीवाल से मारपीट? क्या एक और आप नेता का साथ छूट जाएगा?

AAP की ओर से राज्‍य सभा में सांसद बनाकर भेजी गईं स्‍वाति मालीवाल के साथ दिल्ली सीएम हाउस में हुई मारपीट की घटना को करीब 6 घंटे होने जा रहे हैं पर अभी तक दोनों तरफ से किसी भी तरह का खंडन नहीं आया है. क्या आम आदमी पार्टी में एक और नेता का साथ छूट जाएगा?

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डीडी एंट्री में सुधार किया गया, जिसमें कहा गया कि सीएम ने विभव से पिटवाया है
डीडी एंट्री में सुधार किया गया, जिसमें कहा गया कि सीएम ने विभव से पिटवाया है

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की ओर से दिल्ली सीएम हाउस में मारपीट होने का सनसनीखेज आरोप लगाया गया है. सीएम हाउस के भीतर से दिल्ली पुलिस को पीसीआर कॉल की गई. कॉल करने वाले ने खुद को स्वाति मालीवाल बताया. अब चूंकि कॉल करने वाले ने यह भी कहा कि सीएम के कहने पर उनके निजी सचिव विभव कुमार ने उनसे मारपीट की. मामला तो गंभीर बन ही जाता है. घटना के करीब 6 घंटे बीत जाने के बाद अभी तक न तो सीएम हाउस से कोई खंडन आया है और न ही स्वाति मालीवाल की ओर से ही घटना के बारे में कोई जानकारी दी गई है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि स्वाति मालीवाल सिविल लाइन थाने आईं थीं. हालांकि उन्होंने कोई लिखित शिकायत नहीं दी है. अब सवाल उठता है कि आखिर आम आदमी पार्टी में चल क्या रहा है? क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कुछ और निकटवर्ती लोग पार्टी से मुख मोड़ चुके हैं? आखिर स्वाति मालीवाल, अरविंद केजरीवाल जैसे हाईली क्वालिफाइड लोगों के बीच ये मारपीट की नौबत क्यों आईं? क्या ऐन चुनावों के मौकों पर केजरीवाल पर लगे ये आरोप पार्टी के लिए खतरे के संकेत नहीं हैं.

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सीएम के खास विभव कुमार का रहा है विवादों से नाता 

इसमें कोई दो राय नहीं है कि अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार उनके बहुत खास हैं. विभव मुख्यमंत्री केजरीवाल के कितने खास हैं यह इससे समझ सकते हैं कि जेल जाने के बाद केजरीवाल ने जेल प्रशासन को मुलाकातियों की जो सूची दी थी उसमें केजरीवाल की पत्नी, बच्चे, मां-बाप के अलावा संदीप पाठक और विभव कुमार शामिल थे. अरविंद केजरीवाल ने अपने किसी मंत्रीमंडल के साथी तक को तवज्जो नहीं दी. जबकि उनके पास अभी 4 और नाम देने के ऑप्शन थे.

हालांकि अभी पिछले महीने ही विभव कुमार को एक पुराने मामले में टर्मिनेट किया जा चुका है. माना जाता है कि अरविंद केजरीवाल की हर बात के वो राजदार हैं. उनके खिलाफ ईडी जांच चल ही रही है विजलेंस को भी दिल्ली जल बोर्ड में किसी पद पर न होते हुए भी विभव कुमार को जल बोर्ड का फ्लैट अलॉट करने की शिकायत को सही पाया है. 2017 में उनसे टैंकर घोटाले के मामले में भी पूछताछ हुई थी. विभव कुमार को 2007 के एक मामले में इसी साल 10 अप्रैल को बर्खास्त किया गया है.विभव पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगा था. शराब घोटाले में भी ईडी ने कई बार विभव कुमार से पूछताछ कर चुकी है. अब जबकि मालीवाल ने गंभीर आरोप लगाया है तो जाहिर है कि बहुत से गड़े मुर्दे उखाड़े जाएंगे. आम आदमी पार्टी के विरोधियों के लिए बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है.

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क्या केजरीवाल अकेले पड़ रहे हैं

जबसे आम आदमी पार्टी का गठन हुआ, तमाम नेताओं और अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबियों ने पार्टी छोड़ी. पर उस समय केजरीवाल का सितारा गर्दिश में नहीं था. पर जब अरविंद केजरीवाल संकट में हैं तो उनकी अपने करीबियों से दूरी मायने रखती है.
दिल्ली से पहली बार सांसद बनीं स्वाति मालीवाल भी अरविंद केजरीवाल की करीबियों में शामिल रही हैं. उन्होंने अपनी छवि एक तेज तर्रार नेता की बनाई है. आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा की छवि भी ऐसी ही रही है. अरविंद केजरीवाल के बेहद खास और तेज तर्रार शख्सियत. पर पिछले कुछ दिनों से मीडिया में इस तरह की बातें आ रही हैं कि वो जानबूझकर लंदन से वापस नहीं आ रहे हैं. यही सब बातें स्वाति मालीवाल के बारे में भी कहीं जा रही थीं. क्योंकि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय मालीवाल अपनी बीमार बहन की देखभाल के लिए अमेरिका में थीं. मारपीट की खबरों के बाद पब्लिक को ऐसा लग रहा है कि जो अफवाहें चल रहीं थीं हो न हो उनमें जरूर कुछ सच्चाई थी.

पार्टी की बड़ी मुसीबत के दौर से गुजर रही है और स्वाति मालीवाल और राघव चड्ढा जैसे नजदीकी लोग केवल ट्वीट कर रहे हैं. मालीवाल भी सोशल मीडिया पर पार्टी और अपने नेताओं के समर्थन में संदेश पोस्ट कर अपने कर्तव्य का पालन कर रही थीं. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उस समय मालीवाल ने कहा था कि 'मेरी बहन पिछले 15 सालों से अमेरिका में रह रही है. वह बीमार है और मैं उसकी देखभाल के लिए यहां हूं. मैं जल्द ही वापस आ रही हूं और मौजूदा शासन की तानाशाही के खिलाफ मजबूती से लड़ूंगी. सवाल यह है कि देर से आने के बाद मतलब क्या रह जाता? राघव चड्ढा तो अब तक नहीं आए. पंजाब के सभी सांसदों को जिस तरह एक्टिव होना चाहिए था, वो नहीं हुए.

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स्वाति मालीवाल की कमी खलेगी पार्टी को

स्वाति मालीवाल का पार्टी से दूर जाना पार्टी के लिए अलग तरह का मामला है. क्योंकि अभी तक जो लोग गए उन्होंने इतने गंभीर आरोप नहीं लगाए, जिससे पार्टी या अरविंद केजरीवाल का कुछ नुकसान हो सकता पर मालीवाल का मामला अलग है. मालीवाल ने जो आरोप लगाएं हैं अगर उनपर वो अडिग रहती हैं तो बहुत गंभीर केस बन सकता है. जिस तरह सीएम हाउस में मारपीट की घटना को हुए 6 घंटे होने जा रहे हैं, और दोनों तरफ से कोई आरोप प्रत्यारोप सामने नहीं आए हैं उसका मतलब ये भी हो सकता है कि सब कुछ शांति की ओर अग्रसर है. और ये भी हो सकता है कि तूफान के पहले की शांति है. अगर मामला आगे बढ़ता है तो सामान्य सी बात है कि अब तक जो कुछ ढंका छुपा हुआ था वो सब बातें अब सामने आएंगी. स्वाति मालीवाल ने अपनी दिल्ली महिला आयोग की पारी बहुत शानदार खेली है. आम लोगों के बीच मालीवाल ने अपनी छवि बहुत अच्छी बनाई है. पार्टी को उनकी कमी तो खलेगी ही अरविंद केजरीवाल पर महिला विरोधी होने के आरोप भी लगेंगे.

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