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केजरीवाल की गिरफ्तारी से दूरी को लेकर AAP के इन सांसदों के बहाने कितने सच्चे? क्या बिखर रही है पार्टी?

आम आदमी पार्टी के बिग शॉट राघव चड्ढा और स्वाति मालीवाल की अनुपस्थिति दिल्ली में चल रहे विरोध प्रदर्शनों मे खल रही है. यही नहीं इनको मिलाकर पार्टी के करीब सात सांसद इस दौरान नहीं दिख रहे हैं. क्या यह आम आदमी जैसी पार्टी के लिए खतरे का संकेत नहीं हैं?

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स्वाति मालिवाल, राघव चड्ढा और हरभजन सिंह, कुल सात सांसद गायब हैं केंद्र सरकार विरोधी प्रदर्शनों से
स्वाति मालिवाल, राघव चड्ढा और हरभजन सिंह, कुल सात सांसद गायब हैं केंद्र सरकार विरोधी प्रदर्शनों से

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही पार्टी में हलचल बढ़ती जा रही है. पहले पंजाब से एकलौते लोकसभा सांसद सुशील कुमार टिंकू ने पार्टी छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली थी. उनके साथ एक आप विधायक ने भी बीजेपी में शामिल हुआ था. अब जैसी परिस्थितियां बनती दिख रही है उससे तो यही लगता है कि पूरी पार्टी ही संकट के दौर में है. आम आदमी पार्टी के करीब 7 सांसदों ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से जो दूरी बनाई वह रहस्यमय है. इन सांसदों ने पार्टी से दिख रही दूरी के विषय जो तर्क दिए हैं वह किसी के गले नहीं उतरता दिख रहा है.इस बीच दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद का त्यागपत्र पार्टी को और डराने के लिए काफी है. वैसे भी पार्टी  नेता लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि एनडीए नीति केंद्र सरकार लगातार आम आदमी पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रही है. 

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क्या पार्टी में कुछ चल रहा है

21 मार्च को अपने राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रही है. पर जैसा कि ऑब्जर्व किया गया कि 10 राज्यसभा सदस्यों में से अधिकांश इन विरोध प्रदर्शनों से गायब रहे हैं . केवल संजय सिंह, संदीप पाठक और एन डी गुप्ता को ही इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा देखा गया है.जाहिर है कि छोटी सी पार्टी में हर कोई नजर आता है. बहुत बड़ी पार्टी होती कुछ लोग गायब होते या अपने नेता की गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज नहीं उठाते तो बात ढंकी छुपी रह जाती पर आम आदमी पार्टी में ऐसा नहीं होने वाला है.

आप के राज्यसभा सांसदों के इस रवैये के बारे में संजय सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को जो जवाब दिया वो भी काबिलेगौर है.  संजय सिंह ने बुधवार को बिना संकोच कहा, पार्टी अपने मंच पर इस पर इस बात की चर्चा करेगी. संजय सिंह के जवाब से ऐसा लगता है कि वो खुद अपने सांसदों के रवैये और उनके बहानों से संतुष्ट नहीं हैं. पर मजबूरी यह है कि संजय सिंह या कोई भी कर ही क्या सकता है. पार्टी से कारण बताओ नोटिस ही जारी कर सकते हैं . इससे और भी भद पिटेगी.जनता में भी संदेश जाएगा की पार्टी कमजोर हो चुकी है. कमजोर पार्टी को उनके समर्थक भी चुनावों में वोट नहीं देना चाहते हैं. 

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राघव चड्ढा और स्वाति मालीवाल के न रहने का संदेश गलत

आम आदमी पार्टी के पंजाब से सांसद राघव चड्ढा पार्टी की रीढ़ रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में हर बात का जवाब बहुत सुलझे तरीके से देने के लिए जाने जाते रहे हैं. शायद यही कारण रहा कि उन्होंने बहुत कम उम्र में पार्टी में अपनी पहुंच बना ली. अरविंद केजरीवाल ने उनकी योग्यता को देखते हुए ही उन्हें राज्यसभा में पहुंचा दिया. ऐसे वक्त में जब पार्टी के सबसे बड़े नेता को जेल भेज दिया गया है राघव की अनुपस्थिति लोगों को खल रही है. चड्ढा पिछले महीने आंख की सर्जरी के लिए लंदन गए थे. उनका मार्च के अंत में ही लौटने का कार्यक्रम था. इस तरह अब तक उन्हें दिल्ली में होना चाहिए था पर अभी भी वे लंदन में ही हैं. उनकी पत्नी फिल्म स्टार परिणीति चोपड़ा, जिनकी फिल्म अमर सिंह चमकीला नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होने जा रही है, इंडिया आईं और वापस भी चलीं गईं.

21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से, चड्ढा थोड़ी आराम लेकर ट्वीट करते रहते हैं.संजय सिंह जेल से रिहा हुए तो उन्होंने उनकी जमानत पर खुशी जाहिर करते हुए अपनी और सांसद की एक पुरानी तस्वीर पोस्ट की. उन्होंने केजरीवाल की पत्नी सुनीता द्वारा अपने पति को जेल से आप विधायकों को जनता के लिए काम करते रहने का संदेश देने का वीडियो भी दोबारा पोस्ट किया. पर जिस लहजे और तल्ख अंदाज में बीजेपी को घेरने के लिए वो जाने जाते हैं उस अंदाज का ट्वीट अभी तक देखने को नहीं मिला. इंडियन एक्सप्रेस ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की पर वो कमेंट देने से भी बचते नजर आ रहे हैं. उनके समर्थक बताते हैं उनकी वापसी में देरी हो रही है क्योंकि सर्जरी के बाद उनकी रेटिना डिटेचमेंट सर्जरी के निर्देश हैं और उन्हें  धूप में बाहर न निकलने के लिए कहा गया है. 

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दिल्ली से पहली बार सांसद बनीं स्वाती मालीवाल भी अरविंद केजरीवाल की करीबियों में शामिल एक तेज तर्रार नेता हैं. उनके न रहने का भी खमियाजा पार्टी को भुगतना पड़ रहा है. मालीवाल इस समय अमेरिका में हैं और उन्होंने पार्टी से कहा है कि उन्हें वहां रहने की जरूरत है क्योंकि उनकी बहन बीमारी से उबर रही हैं. पार्टी की बैंड बजी हुई है और पार्टी नेता अपनी बहन का इलाज करा रही हैं. मालीवाल भी सोशल मीडिया पर पार्टी और अपने नेताओं के समर्थन में संदेश पोस्ट कर अपने कर्तव्य का पालन कर रही हैं. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए मालीवाल कहती हैं कि 'मेरी बहन पिछले 15 सालों से अमेरिका में रह रही है. वह बीमार है और मैं उसकी देखभाल के लिए यहां हूं. मैं जल्द ही वापस आ रही हूं और मौजूदा शासन की तानाशाही के खिलाफ मजबूती से लड़ूंगी.सवाल यह है कि केजरीवाल की गिरफ्तार हुए करीब 3 हफ्ते होने जा रहे हैं. वह कब तक आएंगी और कब संघर्ष करेंगी.

हरभजन सिंह ने तो विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने से सीधे मना कर दिया

भारत के पूर्व क्रिकेटर हरभजन ने पंजाब से राज्यसभा सांसद बनने के बाद से ही आम आदमी पार्टी की गतिविधियों में शायद ही कभी भाग लिया हो. अपने नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से उन्हें कोई मतलब नहीं है.सोशल मीडिया पर उनके अधिकांश हालिया पोस्ट से पता चलता है कि जैसे हरभजन सिंह को यह पता ही नहीं है  उनकी पार्टी का सर्वे सर्वा नेता की गिरफ्तारी हो गई है. उनके पोस्ट देश में चल रहे आईपीएल के बारे में हैं. हरभजन सिंह एक्स पर 24 मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री और आप नेता भगवंत मान को उनकी बेटी के जन्म पर बधाई देते हैं पर केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कुछ नहीं लिखते हैं.इतना ही नहीं वो आप के विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के संबंधी इंडियन एक्सप्रेस के सवाल पर सीधे मना कर देते हैं.वो कहते हैं कि उन्हें इस संबंध में विस्तार से किसी ने नहीं बताया. तो क्या मान लिया जाए कि हरभजन सिंह किसी के दबाव में हैं? हरभजन सिंह की बातें कई सवाल खड़ी करती हैं. क्या पार्टी में कोई उनसे संपर्क नहीं करता है, वो खुद अलग थलग पड़़ चुके हैं या पार्टी ने ही कर दिया है. 

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अशोक कुमार मित्तल और दिनेश आरोड़ा के बहाने समझ से परे

पंजाब के ही कुछ और सांसद हैं जिनमें लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक और राज्य से आप सांसद अशोक मित्तल भी हैं. इन्हें पार्टी गतिविधियों में काफी हद तक दूर हैं. अपने एक्स हैंडल पर मित्तल 23 से 27 मार्च के बीच जिनेवा में आयोजित अंतर-संसदीय सम्मेलन के बारे में ट्वीट कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने भाग लिया. पर जिसने उन्हें इस लायक बनाया कि वे संसदीय सम्मेलन में भाग ले सकें उसकी गिरफ्तारी के लिए उनके पास एक शब्द नहीं है.वह सीधे कहते हैं कि पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी के बारे में बात करने के लिए वो अधीकृत नहीं है. उनकी एक और बात बेहद दिलचस्प है कि उन्हें पार्टी द्वारा हाल ही में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में आमंत्रित नहीं किया गया था. मतलब पार्टी के प्रमुख नेता की गिरफ्तारी हुई है और विरोध प्रदर्शन के लिए भी आमंत्रण चाहिए.

पंजाब से ही एक और सांसद हैं संजीव अरोड़ा, अरोड़ा कहते हैं कि उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद 24 मार्च को सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की थी. लेकिन गिऱफ्तारी को लेकर रामलीला मैदान में इंडिया ब्लॉक के विरोध प्रदर्शन में वे शामिल नहीं हो सके.अरोड़ा का कहना है कि पार्टी के लिए वो लुधियाना में काम कर रहे थे.

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 पर्यावरण कार्यकर्ता और पंजाब से आप के राज्यसभा सांसद सीचेवाल  भी अधिकांश पार्टी विरोध प्रदर्शनों में नहीं देखा गया है. वो खुद को धर्मनिष्ठ बताते हुए इन सब कार्यों से दूर रहने का कारण बताते हैं. जबकि एक और सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी जो पार्टी की गतिविधियों से काफी हद दूर हैं अपने नेता  की गिरफ्तारी पर चुप हैं. वो पिछले दिनों स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ और लेखक खुशवंत सिंह की स्मृति में एक सभा में अपनी बातचीत के विडियो को एक्स पर पोस्ट करते हैं पर अपने नेता के बारे में कहने के लिए उनके पास 2 शब्द नहीं हैं.
 

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