होली पर आरजेडी प्रमुख, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और सामाजिक न्याय के मसीहा कहे जाने वाले लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और प्रदेश के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव के एक वायरल वीडियो में उनके सामंती तेवरों की चर्चा पिछले 2 दिनों से खूब हो रही है. वैसे तो तेज प्रताप यादव अपनी हरकतों के चलते आए दिन चर्चा में रहते हैं पर सोशल मीडिया के इस युग में उन्होंने होली के दिन जो हरकत की है वो उनकी पार्टी और उनके परिवार के लिए बहुत भारी पड़ने वाली है. भारत में राजनीति प्रतीकों की राजनीति होती है. तेजप्रताप की पार्टी का मुकाबला आगामी विधानसभा चुनावों में ऐसे ही प्रतीकों की राजनीति करने वाली बीजेपी से है. जाहिर है कि उनके इस वीडियो को भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड भली भांति भुनाने वाली है. वीडियो में एक मंच पर तेजप्रताप राजाओं वाले अंदाज में बैठे हुए हैं. उनके सोफे पर कुर्ता फाड़ होली खेलने वाला उनका एक साथी भी मौजूद है. उनकी कुर्सी के दोनों तरफ हाथ जोड़े हुए बेहद दीन हीन दिखने वाले दो बुजुर्ग प्रजा के प्रतीक के रूप में बैठे हुए हैं. तेज प्रताप राजा के अंदाज में एक वर्दीधारी सिपाही को आदेश देते हैं कि एक गाना बजवा रहा हूं उस पर ठुमका लगा कर दिखाओ. तेजप्रताप की बातों को सिपाही नजरअंदाज करता इसके पहले ही वो उसे धमका देते हैं कि मेरा कहा नहीं मानने वाले को सस्पेंड करवा दूंगा.
सिपाही की मजबूरी, इधर मौत उधर खाई
वीडियो में तेज प्रताप कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, ऐ सिपाही, ऐ दीपक, सुनिए...एक गाना बजाएंगे उस पर ठुमका लगाना है, आज नहीं ठुमका लगाओगे तो सस्पेंड कर दिए जाओगे...बुरा मत मानो, होली है. वायरल वीडियो में तेज प्रताप के कहने के बाद सिपाही डांस करते हुए दिखाई देता है. जाहिर है कि तेजप्रताप और उनकी पार्टी अभी सत्ता में नहीं है. फिर भी सिपाही की इतनी औकात नहीं है कि वो उनका विरोध कर सके. और यह जानते हुए भी कि वीडियो बन रहा है और डांस करने पर उस पर एक्शन होना तय है, बेचारा मजबूरी में ठुमके लगाता है.
सोचिए उस सिपाही के बच्चे अपने पिता को ठुमका लगाते हुए देखकर कितना जलालत महसूस कर रहे होंगे. रविवार को पटना पुलिस ने वायरल वीडियो के मामले में सोशल मीडिया एक्स पर प्रेस रिलीज़ जारी करके बताया है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में तेज प्रताप यादव के कहने और सार्वजनिक जगह पर वर्दी में सिपाही दीपक कुमार के डांस करने की बात संज्ञान में आई है.सिपाही दीपक कुमार को पुलिस केंद्र में क्लौज कर उनके स्थान पर दूसरे सिपाही को अंगरक्षक नियुक्त करने का आदेश दिया गया है.
सिपाही को पता था कि यह एक्शन उस पर होगा. पर उसकी मजबूरी थी कि सस्पेंड होने के बाद कम से कम आधी सैलरी तो मिलेगी ही. इधर तेजप्रताप का कहना न मानने पर वो क्या करते. बिहार में जंगल राज के किस्से आज भी लोगों को याद आ जाते हैं. जाहिर है कि उस सिपाही को भी जंगलराज के किस्से याद आए होंगे.
जंगल राज की याद दिला देती हैं ऐसी हरकतें
बिहार में जंगल राज के दौर की एक कहानी आजकल सोशल मीडिया पर फिर से शेयर हो रही है. राजधानी पटना के बहुत ही प्रसिद्ध चिकित्सक पद्म श्री से सम्मानित डॉक्टर की गाड़ी चोरी हो गई. उनके दामाद आईपीएस थे. उन्होंने कार चोरी की कंप्लेन अपने जिले के एसपी को दी. उनके तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव से अच्छे संबंध थे. उन्होंने सोचा कि सीएम को जाकर बोलेंगे, तो पुलिस वाले जल्दी एक्शन ले लेंगे. जब सीएम हाउस पहुंचे, तो चोरी हुई गाड़ी वहीं खड़ी थी. इससे मिलती जुलती एक कहानी गया के डॉक्टर की भी है. उनकी भी कार सीएम हाउस में मिली थी. कहा जाता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ने तब डॉक्टर से कहा था कि बच्चों ने मेहनत की है. कुछ खर्चा पानी दे दीजिए बहुत कमाई कर रहे हैं. तेजप्रताप की धमकी को सिपाही ने इसलिए ही गंभीरता से लिया कि गया के इस प्रसिद्ध डॉक्टर का दामाद आईपीएस था जब उसके साथ ऐसा हो सकता है मेरे साथ क्या होगा ये भगवान भी नहीं बता पाएगा.
तेज प्रताप यादव अपनी सफाई में कहते हैं कि उनके पिताजी की होली को सभी याद करते हैं. यही कारण है कि उन्हीं के अंदाज में वह भी होली मना रहे हैं. उनके द्वारा खेले गए होली के रिवाज को जीवित रखने का काम कर रहे हैं. तेज प्रताप ने कहा कि यही कारण है कि वह कपड़ा फाड़ होली खेल रहे हैं. पर पब्लिक तो बस यही नहीं चाहती है. क्या लालू यादव के समय के सारे रिवाजों को तेजप्रताप जीवित करने का काम करेंगे? पब्लिक सवाल करेगी कि अभी कुछ दिन पहले तेजप्रताप के मामा सुभाष यादव ने एक पॉडकास्ट में स्वीकार किया था कि उस दौर में किडनैपिंग के फैसले सीएम आवास से ही होते थे. तेजप्रताप के अंदाज से तो यही लगता है कि वो इस रिवाज को भी जिंदा करने की कोशिशें करेंगे.
गौरतलब है कि ऐसी घटनाएं लोगों को लालू-राबड़ी राज के समय का बिहार याद दिला देते हैं. लालू राज के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि उस दौर में कुल 35 डॉक्टरों का और 27 इंजीनियरों का अपहरण हुआ था. लालू राज का अंत वर्ष 2005 में हुआ. बिहार में 2005 में 3 हजार 471 हत्याएं हुईं. 251 अपहरण की घटनाएं और 1 हजार 147 बलात्कार की घटनाएं रिपोर्ट की गईं. 2004 में बिहार में 3 हजार 948 लोगों की हत्या हुई थी. फिरौती के लिए 411 अपहरण और 1390 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे.आईएएस ऑफिसर बीबी विश्वास की पत्नी चंपा विश्वास, उनकी मां, भतीजी और दो मेड के साथ रेप किया गया. डीएम जी कृष्णैया की मॉब लिंचिंग हुई .
तुलना तो निशांत कुमार से होगी
होली के बहाने तेजप्रताप ने जो सामंती हरकत की है उसका असर दूर तक होने वाला है. सबसे बड़ा फायदा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार का होने वाला है. लालू के बेटों से निशांत कुमार की तुलना होगी. निशांत कुमार मुख्यमंत्री आवास में रहते हुए सत्ता की हनक और विरासत देखते रहे हैं पर कभी भी उसे लेकर कभी तेजप्रताप या तेजस्वी की तरह विवाद में नहीं आए.लालू के पुत्रों पर आय से अधिक धन का मामला चल रहा है. इसके साथ ही तेजप्रताप की उदंडता की इस तरह की खबरें अकसर मीडिया की सुर्खियां बन जाती हैं. जबकि निशांत कुमार एक दम से मिस्टर क्लीन की छवि लेकर आम लोगों के सामने आने वाले हैं. जाहिर है कि लालू यादव के बेटों से उनकी तुलना होगी.