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Twitter ने साल 2009 में ब्लू टिक फीचर लाइव किया था. अब 13 साल बाद इस पर हंगामा मचा हुआ है. ट्विटर ब्लू टिक पर हंगामा मचने का कारण बस एक ही है- कंपनी इसके लिए चार्ज लेने वाली है. एलॉन मस्क ने ट्विटर को 44 बिलियन डॉलर में खरीद लिया है. वो पहले ही कह चुके हैं अभी तक इसके पूरे पोटेंशियल का इस्तेमाल नहीं किया गया है. अब वो यूजर्स के एक्सपीरिएंस को बढ़ाने के लिए नए-नए एक्सपेरिमेंट करेंगे.
यानी साफ है आने वाले समय में इसमें कई बड़े बदलाव किए जाएंगे. इसकी शुरुआत मस्क ने कर दी है. कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कंपनी के इंजीनियर्स मस्क के डेडलाइन को पूरा करने के लिए ऑफिस में ही सो रहे हैं. उन्हें सप्ताह में 7 दिन और दिन में 12 घंटे तक काम करना पड़ रहा है.
सिर्फ ब्लू टिक नहीं साथ में कई एडिशनल फीचर्स
एलॉन मस्क ब्लू टिक सिस्टम में भी बदलाव कर रहे हैं. मस्क ने साफ कर दिया आने वाले समय में यूजर्स पैसे देकर ब्लू टिक ले सकते हैं या जिनके पास पहले से ब्लू टिक है उनको इसके लिए पेमेंट करना होगा. लेकिन, ऐसा नहीं है कि सब्सक्रिप्शन प्लान लेने से आपको केवल ब्लू टिक ही मिलेगा. यूजर्स को साथ में कई एडिशनल फीचर्स भी दिए जाएंगे. मंथली प्लान लेने वाले यूजर्स को रिप्लाई, मेंशन और सर्च में प्रायोरिटी मिलेगी.
यूजर्स को ऐड भी कम देखने मिलेंगे. इसके अलावा वो पेड आर्टिकल्स भी फ्री में पढ़ सकते हैं. कंपनी इसके लिए कई पब्लिशर्स के साथ टाइ-अप कर रही है. पेड यूजर्स ट्विटर पर लंबे वीडियो और ऑडियो भी पोस्ट कर सकते हैं.
भारत में 199 रुपये से 399 रुपये के बीच रह सकती है कीमत
कंपनी यूजर्स से सब्सक्रिप्शन प्लान के लिए 8 डॉलर प्रति महीने लेगी. भारतीय करेंसी में ये कीमत लगभग 650 रुपये होती है. लेकिन, मस्क ने साफ तौर पर कहा है कि देश के हिसाब के ये चार्ज अलग-अलग हो सकता है. कई लोगों का मानना है कि भारत में ट्विटर ब्लू टिक के लिए 199 रुपये से लेकर 399 रुपये तक चार्ज कंपनी ले सकती है.
अभी कितनी होती है कमाई
इसका विरोध क्यों हो रहा है और कई लोग इसके समर्थन में क्यों है, उसपर बात करने से पहले एक बार कंपनी की कमाई का पूरा हिसाब-किताब समझ लेते हैं. साल 2021 में ट्विटर का रेवन्यू 5 बिलियन डॉलर (लगभग 42 हजार करोड़ रुपये) था. अभी ट्विटर पर लगभग सवा चार लाख लोगों के वेरिफाइड अकाउंट्स हैं. ये डेटा निकालना काफी आसान है. इसके लिए आपको ट्विटर वेरिफाइड का हैंडल चेक करना होगा. जिन लोगों का अकाउंट वेरिफाइड होता है, ये हैंडल उन्हें फॉलो कर लेता है.
कई लोग कह रहे हैं कि वो ट्विटर पर ब्लू टिक के लिए पैसे नहीं देंगे. लेकिन, कई लोग जिनका अकाउंट अभी वेरिफाइड नहीं है वो इस पर चार्ज देने के लिए तैयार है. अगर शुरुआत में एवरेज 4 लाख लोग भी ट्विटर का का मंथली प्लान लेते हैं तो कंपनी को इससे लगभग सालाना लगभग 300 करोड़ की कमाई होगी.
42 हजार करोड़ रुपये के सामने 300 करोड़ रुपये काफी कम राशि नजर आ सकती है. लेकिन, कंपनी को इसका जबरदस्त फायदा लॉन्ग टर्म में मिलने वाला है. ये फायदा किस तरह का होगा उस पर बाद में बात करेंगे. अभी समझिए सब्सक्रिप्शन चार्ज का विरोध क्यों हो रहा है.
इसलिए हो रहा है सब्सक्रिप्शन चार्ज का विरोध...
अगर आप विरोध वाले ट्वीट्स देखेंगे तो पाएंगे कि इसका विरोध दो-तीन कैटेगरी के लोग कर रहे हैं. पहला कैटेगरी वो है जिनके काफी कम फॉलोवर्स हैं लेकिन, उनको क्राइटेरिया पूरा करने की वजह से ब्लू टिक मिल गया है. अब वो पैसे देने के लिए तैयार नहीं है.
दूसरा तबका मीडिया के लोगों का है. सभी नहीं लेकिन, ज्यादातर मीडिया पर्सन का कहना है कि वो प्लेटफॉर्म पर कुछ इनपुट्स ही ऐड कर रहे हैं. ऐसे में कैसा लगेगा अगर वो ब्लू टिक अकाउंट से महंगाई का विरोध करेंगे? लोग तो उनको ही ट्रोल करेंगे कि अगर आपको महंगाई ज्यादा लग रही है तो ब्लू टिक के लिए जो पैसे दे रहे हैं वो मत दीजिए.
यहां एक बात साफ कर दें कि आप बिना पैसों के भी ट्विटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन, मस्क ने बता दिया है बिना ब्लू टिक वाले अकाउंट्स को प्रायोरिटी नहीं मिलेगी. यानी आपके ट्वीट्स, रिप्लाई काफी नीचे दिखेंगे तो आपके ट्वीट्स की रीच काफी ज्यादा कम हो जाएगी.
समर्थन में भी है लोग
कई लोग इसका समर्थन भी कर रहे हैं. इसके समर्थन वाले लोग मस्क की इस बात पर सहमति जताते हैं कि इस कदम से स्पैम या बोट अकाउंट्स को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. यानी प्रायोरिटी में ब्लू टिक वाले अकाउंट्स दिखाए जाएंगे. इससे स्पैम अकाउंट की रैकिंग अपने आप कम हो जाएगी.
ब्लू टिक की पारदर्शिता पर उठते रहे हैं सवाल
एक वर्ग ये भी कह रहा है ये सिस्टम ज्यादा सही है. पहले गिने-चुने लोगों को ही ब्लू टिक मिल पाता था. जब ब्लू टिक वेरिफिकेशन बंद था तब कई लोगों को ब्लू टिक इसलिए मिल गया क्योंकि उन्होंने किसी जान-पहचान वाली एजेंसी से मदद ली. अभी भी क्राइटेरिया पूरा होने के बाद कई लोगों को ब्लू टिक नहीं मिल पाता है. अगर कंपनी ब्लू टिक रिक्वेस्ट रिजेक्ट भी करती है तो इसका कारण नहीं बताती है. यानी ब्लू टिक सिस्टम की पारदर्शिता पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं. इस वजह से लोग नए सब्सक्रिप्शन प्लान का समर्थन भी कर रहे हैं.
लेकिन, एक बात यहां साफ नहीं है कि ब्लू टिक के लिए क्या किसी डॉक्यूमेंट या वेरिफिकेशन की जरूरत होगी. अगर केवल पैसे देकर ब्लू टिक दिया जाने लगा तो कोई किसी के नाम पर भी अकाउंट को वेरिफाइड करवा कर गलत चीजों को अंजाम दे सकता है. इस पर आने वाले समय में ही ज्यादा जानकारी आ पाएगी. लेकिन, कंपनी इसके लिए कोई डॉक्यूमेंट प्रूफ या कुछ और तरीका ला सकती है.
लॉन्ग टर्म में मिलेगा फायदा
अब फिर से उस हिस्से पर आ जाते हैं जहां कहा गया कंपनी को इस सब्सक्रिप्शन चार्ज का लॉन्ग टर्म में फायदा मिलेगा. इसको समझने के लिए आप याद करें YouTube को जब साल 2006 में गूगल ने खरीदा है तब से अब तक इसमें कितने बदलाव देखने को मिले हैं. अब ये कंटेंट क्रिएटर्स के लिए बड़ा हब बन गया है. कंटेंट क्रिएटर्स को पैसे देने के लिए कंपनी यूजर्स को कई तरह के ऐड्स दिखाती है. किसी वीडियो को देखने के लिए अब कई ऐड्स देखने को मिलते हैं.
हालांकि, आप इसका सब्सक्रिप्शन प्लान लेकर ऐड-फ्री वीडियोज देख सकते है. प्लान के साथ आपको बैकग्राउंड प्ले, यूट्यूब म्यूजिक जैसे कई एडिशनल फीचर्स देखने को मिलते हैं. अगर किसी ने यूट्यूब का प्रीमियम प्लान ले लिया तो वो वापस नॉर्मल यूट्यूब पर नहीं लौट पाता है. इसका एक्सपीरिएंस इतना ज्यादा बढ़िया होता है कि यूजर्स फिर पैसे देकर भी ऐड-फ्री वीडियो ही देखना चाहते हैं. ये स्थिति आने वाले समय में ट्विटर के साथ भी हो सकती है. आपको सब्सक्रिप्शन प्लान वाला एक्सपीरिएंस नॉर्मल ट्विटर पर नहीं देखने नहीं मिलेगा.
कंपनी की इस प्लान पर ही काम कर रही है कि अगर यूजर पैसे दे रहा है तो उसका एक्सपीरिएंस इतना मजेदार हो कि उसे फ्री वाले वर्जन में मजा ही ना आए. अगर 10 साल पहले किसी से यूट्यूब के लिए पैसे मांगे जाते तो वो नहीं देता. लेकिन, धीरे-धीरे इसमें काफी बदलाव आया है. ये केस ट्विटर पर भी लागू होता है.
एडिशनल फीचर्स देख कई लोग लेंगे सब्सक्रिप्शन
अभी लोग केवल ब्लू टिक के लिए चार्ज समझ रहे हैं, एडिशनल फीचर्स पर तो बात ही नहीं हो रही हैं. लेकिन, ये क्लियर है कि आने वाले समय में और भी ज्यादा फीचर्स पेड मेंबर के लिए ऐड किए जाएंगे. अपने ट्वीट्स की रीच को कम होता देख और कई एडिशनल फीचर्स बेनिफिट्स की वजह से धीरे-धीरे ही सही लेकिन, काफी लोग इससे जुड़ेंगे.
मस्क दांव फेल होने पर क्या?
अभी सब्सक्रिप्शन से जो कमाई कंपनी की होगी वो बढ़कर कई गुनी कुछ ही साल में हो सकती है. लेकिन, अगर मस्क का ये दांव फेल हुआ तो बाजार में दूसरे भी कई माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट्स तेजी से उभरेंगे. कई बड़ी टेक कंपनियां इसका फायदा उठाने की कोशिश कर सकती हैं. ये हम पॉपुलर शॉर्ट वीडियो ऐप टिक-टॉक के केस में देख चुके हैं. भारत और दूसरे देशों में टिक-टॉक के बैन होते ही मेटा ने रील्स तो गूगल ने यूट्यूब शॉर्ट्स पेश कर दिया. भारत और दूसरे देशों में ये काफी तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं.
लेकिन, दुनिया के सबसे अमीर शख्स को इसका जरूर भान होगा. उनकी प्लानिंग ट्विटर को लेकर काफी पहले से है. इसको लेकर वो कई बार पब्लिक प्लेस में बता भी चुके हैं. लोगों को ट्विटर पर भरोसा भी है. इसी वजह से सोशल ऑडियो ऐप क्लबहाउस से ज्यादा पॉपुलर ट्विटर का सेम फीचर स्पेस हो गया.
किसी अपडेट के लिए लोग अभी भी ट्विटर पर ही जाना पसंद करते हैं. ऐसे में इसकी लोकप्रियता कम होने का अंदेशा कोई भी नहीं लगा रहा है. लेकिन, एक के बाद एक बदलाव होने पर लोग इसको किस तरह लेते हैं ये देखने वाली बात होगी.