ध्रुव राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक डॉक्यूमेंट्री को रिलीज किया है. डॉक्यूमेंट्री का नाम है, अनब्रेकेबल. ये डॉक्यूमेंट्री आम आदमी पार्टी पर बनाई गई है, खासकर बीते दो साल के दौर पर फोकस करते हुए. ये वो दौर है जब अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के पांच नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा था. अब वे सारे नेता जमानत पर बाहर हैं, और दिल्ली चुनाव कैंपेन में जोर शोर से लगे हुए हैं.
ध्रुव राठी ने डॉक्यूमेंट्री शुरू होने से पहले इंट्रो में डॉक्यूमेंट्री से मिलती जुलती कई बातों का जिक्र किया है, और समझाया है कि ये करना क्यों जरूरी था. लोगों से ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की अपील करते हुए ध्रुव राठी ने कहा है कि ऐसे काम वो आगे भी करते रहेंगे. देश के लिए.
वो बताते हैं, कैसे दिल्ली में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोक दी गई. और, उसी क्रम में ध्रुव राठी ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री और पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ की फिल्म रिलीज न होने दिये जाने का भी जिक्र किया है. अपनी फिल्म ‘पंजाब 95’ को लेकर दिलजीत दोसांझ ने सोशल मीडिया पर फिल्म रिलीज न हो पाने के लिए माफी मांगी है, जिसमें बताया है कि ऐसे कारण हैं जो उनके वश के बाहर हैं.
लोकसभा चुनाव के दौरान ध्रुव राठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक वीडियो बनाया था, जिसकी खासी चर्चा हुई थी - और अब ये अनब्रेकेबल रिलीज करके दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल को खुला समर्थन दे दिया है.
ध्रुव राठी ने यूट्यूब पर वीडियो के टाइटल में लिखा है, पाबंदी लगाये जाने से पहले देख लीजिये - और अब अपने X हैंडल पर एक पोल पोस्ट कर पूछ रहे हैं, क्या मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को हर किसी के लिए यूट्यूब पर डाल देना चाहिये?
वैसे अरविंद केजरीवाल को सोशल मीडिया पर लोग उनकी ही कही पुरानी बात की याद दिला रहे हैं. द कश्मीर फाइल्स को लेकर एक बार अरविंद केजरीवाल ने कहा था, ‘यूट्यूब पर डाल दो…’
'अनब्रेकेबल' की स्क्रीनिंग क्यों नहीं होने दी गई?
अपने चैनल पर डॉक्यूमेंट्री दिखाने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने ध्रुव राठी को सोशल मीडिया के जरिये धन्यवाद दिया है, और लिखा है, AAP is “Unbreakable. अरविंद केजरीवाल ने लिखा है, धन्यवाद ध्रुव, जब पूरा सिस्टम इसे रोकने की कोशिश कर रहा था तब आपने इस डॉक्यूमेंट्री को दुनिया के सामने लाने की हिम्मत दिखाई.
लिखते हैं, ये फिल्म मेरे लिए बेहद भावुक है... ये हमारे पिछले दो साल के संघर्ष की कहानी है... देश में किसी और पार्टी ने ऐसी साजिशों और पूरे सिस्टम के हमलों का सामना नहीं किया होगा, लेकिन मुश्किल वक्त ही दिखाता है कि हम असल में कौन हैं.
आम आदमी पार्टी और नेताओं को किसी भी सूरत में न टूटने वाला बताते हुए अरविंद केजरीवाल कहते हैं, ये फिल्म पहली बार हमारा पक्ष बताती है... इसे जरूर देखें और सबके साथ शेयर भी करें.
सवाल ये कि ऐसा क्या है कि दिल्ली में उसकी स्क्रीनिंग नहीं होने दी गई? इस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस का अपना अपना पक्ष है.
18 जनवरी की X पोस्ट में अरविंद केजरीवाल ने लिखा है, आम आदमी पार्टी पर एक फिल्म बनी है... आज जहां इस फिल्म को पत्रकारों को दिखाया जाना था, वहां देखिए, कितनी भारी संख्या में पुलिस लगाकर बीजेपी ने इस फिल्म को दिखाने से रोक दिया... बीजेपी इस फिल्म से बुरी तरह से डरी हुई है.
सोशल मीडिया पर ही अरविंद केजरीवाल पूछते हैं, आखिर क्यों? बीजेपी इस फिल्म को क्यो रोकना चाहती है? इस फिल्म में आखिर ऐसा क्या है जिससे बीजेपी डरी हुई है? ये फिल्म पर्दे के पीछे के उन सब रहस्यों को उजागर करती है जब गलत तरीक़ से आप के नेताओं को गिरफ्तार किया गया था... ये बीजेपी सरकार के गैर कानूनी और गैर संवैधानिक कामों को उजागर करती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने ये कहते हुए स्क्रीनिंग नहीं होने दी क्योंकि वो चुनाव आचार संहिता के दिशानिर्देशों के हिसाब से नहीं दिखाई जा रही थी. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, दिल्ली पुलिस का इस बात पर जोर रहा कि राजनीतिक दलों को ऐसी चीजों के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी से परमिशन लेनी चाहिये. मौजूदा वक्त में पुलिस न तो ऐसी चीजों के लिए परमिशन न तो मंजूर कर सकती है, न रिजेक्ट.
क्या है 'अनब्रेकेबल' में?
अगर आपका सवाल है कि डॉक्यूमेंट्री में क्या है?
सीधा सा जवाब है, कुछ भी नया नहीं है. वही सारी पुरानी बातें हैं. वे बातें जो अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के बाकी अलग अलग समय पर अलग अलग मंचों पर कहते आये हैं.
संक्षेप में कहें, तो अरविंद केजरीवाल और साथी नेताओं को जेल भेजे जाने पर आम आदमी पार्टी का पक्ष है, और जो बातें डॉक्यूमेंट्री में हैं वो पहले से ही पब्लिक डोमेन में हैं. बस सारी बातें प्रोफेशनल तरीके से एक साथ परोस दी गई हैं.
अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सभी की पत्नियों के उस दौर के अनुभव भी शामिल किये गये हैं - और कुछ पत्रकारों के जरिये भी कहानी समझाने की कोशिश की गई है.
डॉक्यूमेंट्री का दिल्ली चुनाव पर कितना असर?
अगर दिल्ली चुनाव पर डॉक्यूमेंट्री के असर का सवाल है, तो निश्चित तौर पर ऐसी चीजों का असर पड़ता है. पहले भी चुनावों के दौरान ऐसी फिल्में रिलीज होती रही हैं, लेकिन सभी के असरदार होने की गारंटी भी नहीं होती - बीजेपी सांसद कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी भी ऐसा ही एक उदाहरण है. फिल्म के शुरुआती रिव्यू से तो यही लगता है कि कंगना ने एक्टिंग तो बहुत अच्छी की है, लेकिन पॉलिटिकली पूरी तरह कंफ्यूज्ड हैं.
आम आदमी पार्टी की डॉक्यूमेंट्री में ऐसी कोई नई बात नहीं है, जिसे देख और सुन कर लोग चौंक पड़ें, और अरविंद केजरीवाल नये सिरे से सहानुभूति बटोर पायें - ऐसे में असर हो तो सकता है, लेकिन कितना ये कहना मुश्किल है.
जहां तक अरविंद केजरीवाल को मिलने वाले फायदे की बात है, तो फायदा जरूर मिल सकता है - क्योंकि, एक साथ सारी घटनाएं बड़े दायरे में लोगों के पास पहुंच तो रही ही हैं.