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विनेश फोगाट पर 24 घंटे चली फूहड़ राजनीति का 'अयोग्‍य' हो जाना

विनेश फोगाट के सेमीफाइनल जीतने के बाद देश में गोल्ड मेडल आने की खुशी तो थी ही पर कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें इससे भी अधिक कुछ मिल रहा था. दरअसल विनेश उन महिला पहलवानों में रही हैं जिन्होंने कुश्ती संघ के तत्कालीन अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. ऐसे ही नकारात्मक सोच वालों की खुशी ने देश को एक गोल्ड मेडल से वंचित कर दिया.

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वेट अधिक होने की खबर मिलने के बाद निराश विनेश फोगाट ( फोटो-आईएएनएस)
वेट अधिक होने की खबर मिलने के बाद निराश विनेश फोगाट ( फोटो-आईएएनएस)

किसी भी देश के लोगों में जोश भर देता है, वहां के खिलाड़ी का स्‍वर्ण पदक जीत लेना. लेकिन, जब किसी खिलाड़ी की जीत-हार पर राजनीति होने लगे, तो उससे दुर्भाग्‍यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता. विनेश फोगाट के अच्‍छे प्रदर्शन की कामना पूरा देश कर रहा था, लेकिन यह नहीं पता था कि यदि वह जीतीं तो इसे भारत सरकार की हार के रूप में प्रचारित किया जाने लगेगा. अब जबकि विनेश को ओलंपिक में अयोग्‍य घोषित कर दिया गया है तो राजनीतिक टीका-टिप्‍पणी की बाजी उलटी पड़ गई है. यह और भी ज्‍यादा दुर्भाग्‍यपूर्ण है. विनेश के डिसक्वालिफिकेशन पर भी जो राजनीति हो रही है वो भी कम खतरनाक नहीं है. विनेश के साथ जो हुआ उससे तो देश का केवल एक गोल्ड मेडल हाथ से गया, पर उनके नाम पर हो राजनीति उन लाखों मेडल जीतने का सपना देखने वालों के जज्बे को कमजोर कर देगा, जाहिर है कि इससे बुरा कुछ भी नहीं हो सकता है.

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विनेश फोगाट क्‍यों अयोग्‍य घोषित हुई?

बुधवार को एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में विनेश फोगाट को ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया, क्योंकि उन्हें महिलाओं की 50 किग्रा कुश्‍ती स्पर्धा के फाइनल से पहले अधिक वजनी पाया गया था. विनेश ने मंगलवार रात को इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक के लिए पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया था. आधिकारिक बयान में कहा गया कि आज सुबह उनका वजन करीब 150 ग्राम अधिक पाया गया. बताया जा रहा है कि विनेश ने रात भर अपना वजन कम करने की कोशिश की. लेकिन, वह 50 किलो के भीतर नहीं पहुंच पाईं. रातभर की थकान के व‍िनेश फोगाट सुबह बेहोश हो गईं, इसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. ड‍िहाइड्रेशन दूर करने के लिए उनको सलाइन की बोतल चढ़ाई गई.

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यूडब्ल्यूडब्ल्यू (United World Wrestling- UWW) के नियमों के अनुसार- यदि कोई एथलीट वजन माप में भाग नहीं लेता है या असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा. भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने फोगाट को वजन मानदंड पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया, लेकिन उनके आग्रह को अस्वीकार कर दिया गया.पीएम नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय अथलीट टीम की हेड पीटी ऊषा को फोनकर आईओसी से तगड़ा प्रोटेस्ट करने को कहा है. 

एक दिन पहले विनेश की जीत पर जश्‍न नहीं, चिढ़ाने का काम हुआ

विनेश के सेमीफाइनल मैच जीतते ही राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई. अचानक पीएम मोदी के खिलाफ मीम्स बनने की शुरुआत हुई. मानो विनेश ने जापानी खिलाड़ी को नहीं, पीएम मोदी की परास्‍त कर दिया हो. एक मीम जो सबसे अधिक वायरल हो रहा था उसमें पीएम मोदी की फोटो के साथ उनकी आवाज में विनेश फौगाट से फोन उठाने का रिक्वेस्ट किया जा रहा था. गौरतलब है कि हर पदक जीतने वाले को पीएम मोदी फोन करके बधाई दे रहे थे. कई पत्रकार भी अपील करने लगे थे विनेश पीएम मोदी को फोन नहीं उठाना चाहिए या फोन पर मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए.  

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मौके को अपनी राजनीति चमकाने का मौका मानकर आनन फानन में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को टारगेट करने की कोशिश की. विनेश को बधाई देते हुए राहुल गांधी ने सोशल मीडिया वबेसाइट एक्स पर तंज स्‍वरूप लिखा, 'जिन्होंने भी विनेश और उसके साथियों के संघर्ष को झुठलाया, उनकी नीयत और काबिलियत तक पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए, उन सभी को जवाब मिल चुका है. आज भारत की बहादुर बेटी के सामने सत्ता का वो पूरा तंत्र धराशाई पड़ा था जिसने उसे खून के आंसू रुलाए थे. चैम्पियंस की यही पहचान है, वो अपना जवाब मैदान से देते हैं. बहुत शुभकामनाएं विनेश. पेरिस में आपकी सफलता की गूंज, दिल्ली तक साफ सुनाई दे रही है.'

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राहुल गांधी के इस तंज को आसानी से समझा जा सकता है. पूर्व ओलंपियन और पहलावानो के प्रोटेस्‍ट का हिस्‍सा रहे बजरंग पूनिया ने भी केंद्र की एनडीए सरकार पर खूब तंज कसे. बजरंग ने एक्स पर लिखा कि 'ये लड़की अपने देश में लातों से कुचली गई थी, ये लड़की अपने देश में सड़कों पर घसीटी गई थी, ये लड़की दुनिया जीतने वाली है मगर इस देश में सिस्टम से हार गई थी.'

विनेश के डिसक्वलिफिकेशन पर भी राजनीति 

विनेश के ओलंपिक में फाइनल खेलने से पहले डिसक्वालिफाई होने के तुरंत बाद राजनीति शूरू हो गई. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष विनेश के डिसक्वॉलिफिकेशन की खबर मिलते ही गहरी जांच पड़ताल की जांच की मांग कर दी. विनेश फोगाट के साथ क्या हुआ इस बात के बाहर आने का इंतजार भी नहीं किया. विनेश फौगाट के चाचा और उनके कोच महावीर फौगाट भी इंडिया टुडे से बात करते हुए एक बार भी आरोप लगाने से बचते दिखे. पर अखिलेश यादव इतना इंतजार नहीं कर सकते थे. अखिलेश यादव लिखते हैं कि, 'विनेश फोगाट के फ़ाइनल में न खेल पाने की चर्चा के तकनीकी कारणों की गहरी जाँच-पड़ताल हो और सुनिश्चित किया जाए कि सच्चाई क्या है और इसके पीछे की असली वजह क्या है'.

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विजेंद्र सिंह बॉक्सर जो ओलंपिक गेम्स में भी जा चुके हैं. कुछ दिन कांग्रेस नेता रहने के बाद अब बीजेपी के साथ हैं उनका कहना है कि विनेश को अयोग्य ठहराया जाना भारत के खिलाफ साजिश है. हालांकि बजरंग पूनिया ने मैच होने के पहले ही बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में वेट घटाने को लेकर चिंता जताई थी. 

विनेश का साथ भारत सरकार और कुश्‍ती संगठन ही देगा, कोई और नहीं

विनेश फोगाट के नाम पर राजनीति करने वाले अपने फायदे के लिए एक खिलाड़ी को मोहरा बना रहे होते हैं. विनेश को जब भी जरूरत पड़ी भारत सरकार ने आगे बढ़कर उनकी मदद की. चाहे वो वीजा का मामला हो या उनके ओलंपिक दल में शामिल करने की बात रही हो. हर बार विनेश की बात पर सरकार ने गौर किया. खुद विनेश ने पेरिस जाने से पहले इसके लिए खेल मंत्रालय और भारत सरकार को एक्स पर पोस्‍ट लिखकर धन्यवाद दिया था. आज जब विनेश मुश्किल में फंसी हैं तो भी उनकी मदद खेल संघ, कुश्ती संगठन और भारत सरकार ही करेगी. विनेश पर राजनीति करने वाले केवल उनका काम ही खराब करेंगे. जिससे भारत की एक प्रतिभा बरबाद हो जाएगी. आज जब विनेश पर संकट आया तो पीएम मोदी ने एक्स पर ल‍िखा-  'विनेश, आप चैंपियनों में चैंपियन हैं! आप भारत का गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं. आज की असफलता दुख देती है. काश मैं शब्दों में उस निराशा को व्यक्त कर पाता जो मैं अनुभव कर रहा हूं. साथ ही, मैं जानता हूं कि आप लचीलेपन की प्रतिमूर्ति हैं. चुनौतियों का सामना करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है. और मजबूत होकर वापस आओ! हम सब आपके लिए प्रार्थना कर रहे हैं.'

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ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विनेश की हार के बाद भारत के पास मौजूद विकल्पों के बारे में पीएम मोदी ने पीटी ऊषा से बातचीत की है. उन्होंने उनसे विनेश के मामले में मदद के लिए सभी विकल्पों का पता लगाने के लिए कहा. उन्होंने पीटी उषा से यह भी आग्रह किया कि अगर इससे विनेश को मदद मिलती है तो वह अपनी अयोग्यता के संबंध में कड़ा विरोध दर्ज कराएं.

सबक ये है कि 'नकारात्‍मक खुशी' आत्‍मघाती हो सकती है

हमारे बुजुर्ग हमेशा से कहते रहे हैं कि किसी भी खुशी के लिए नकारात्मक खुशी हमें नहीं रखनी चाहिए. देखा जा रहा था कि पूरे देश में एक तबका ऐसा था जिसको विनेश के मेडल जीतने से ज्यादा खुशी इस बात की थी कि पहलवान ने कुश्ती सिंह के पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह और पीएम नरेंद्र मोदी को धूल चटा दिया. ऐसे लोगों की खुशी के चलते ही देश की एक होनहार खिलाड़ी पर नजर लग गई. दरअसल आजकल देश में नरेंद्र मोदी के विरोध में कुछ लोग इस तरह अंधे हो गए हैं कि तथ्यों को समझे बिना ही विरोध करना शुरू कर देते हैं. अभी विनेश फोगाट ने डिसक्वालिफाई होने के पीछे किसी भी साजिश की बात नहीं की है पर देश के बहुत से लोगों को साजिश की गंध अभी से आनी शुरू हो गई है. समझना चाहिए कि विनेश का अयोग्‍य हो जाना देश का नुकसान है. क्‍योंकि, देश ने एक ओलंपिक मेडल खोया है.

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