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राजस्थान में कौन है बीजेपी का छुपा रुस्तम, इन नामों के बारे में सुना क्या?

राजस्थान में बीजेपी के सीएम कैंडिडेट में करीब 6 नामों की बहुत चर्चा है. पर भारतीय जनता पार्टी में हाल के दिनों के फैसले का ट्रेंड अचंभित करने वाला रहा है. इसके साथ ही पार्टी पर 2024 के लोकसभा चुनावों का प्रेशर भी है. ऐसा लगता है कि पार्टी किसी फ्रेश चेहरे को सामने ला सकती है.

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बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे

5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में जिस राज्य में बीजेपी को सबसे अधिक उम्मीद सत्ता में आने की है वह राजस्थान है. एक तो राजस्थान का रिवाज हर पांच साल में सरकार बदलने का रहा है, दूसरे कांग्रेस में नेताओं के बीच चल रहे अंतर्द्वंद्व का भी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है. कुल मिलाकर बीजेपी को इस स्टेट में बिन मांगी मुराद मिल सकती है. बीजेपी ने ऐसा पासा फेंका है कि पार्टी के हर छोटे और बड़े नेता को लग रहा है कि सीएम बनने का मौका उसे भी मिल सकता है. यही कारण है वसुंधरा राजे, दीया कुमारी, गजेंद्र सिंह शेखावत आदि जी जान लगाए हुए हैं. और छोटे-छोटे नेता जो दौड़ में शामिल नहीं हैं उनके मन में भी कहीं न कहीं उम्मीद है कि उनके सर भी मुकुट सज सकता है. इसके चलते ये समूह भी पूरे जी जान से चुनाव प्रचार कर रहा है. ऐसा यूं ही नहीं है. इसके पीछे लॉजिक भी है. बीजेपी में पिछले कुछ सालों से ऐसा होता रहा है कि जिन नामों की चर्चा होती है उनके नाम पर मुहर नहीं लगती. ऐसा क्यों है आइए देखते हैं कि राजस्थान की राजनीति में क्या हो रहा है. 

मोदी-शाह की बीजेपी में होते रहे हैं अचंभित करने वाले फैसले

भारतीय जनता पार्टी के नरेंद्र मोदी-अमित शाह के युग में फैसले अचंभित करने वाले होते हैं. हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनने के बाद मनोहर लाल खट्टर का नाम सीएम पद के लिए आ जाएगा किसने सोचा था. इसी तरह झारखंड जीतने के बाद रघुबर दास का नाम सामने आ गया, ये भी आकलन से ऊपर की बात थी. जब देश के राष्ट्रपति चुनने की बात आई तो पहले रामनाथ कोविंद और बाद में द्रौपदी मुर्मू भी ऐसे ही नाम थे जिसकी चर्चा बहुत दिनों तक नहीं थी. 2020 में बिहार में सबसे अधिक सीट जीतने के बाद पार्टी ने फैसला लिया कि जेडीयू के नीतीश कुमार को ही सीएम बनाया जाएगा. डिप्टी सीएम बनाने के नाम पर भी ऐसा हुआ. कई चर्चित नामों को तवज्जो न देकर अपेक्षाकृत अननोन चेहरों पर पार्टी ने दांव खेल दिया था. तारकिशोर प्रसाद और रेनु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. इन नामों को सुनकर बड़े बड़े लोग हतप्रभ रह गए थे. इसलिए राजस्थान में भी जिन नामों के लेकर चर्चा है उनसे हटकर किसी तीसरे का नाम पार्टी आगे बढ़ाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. 

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राजस्थान में सीएम बनने की रेस में हैं ये चेहरे

फिलहाल राजस्थान में पूर्व में सीएम वसुंधरा राजे, सांसद और जयपुर राजघराने की रानी दीया कुमारी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, राजस्थान प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया  और  लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला का नाम लिया जा रहा है.पर बीजेपी का हाल के पिछले 8 सालों के इतिहास पर अगर नजर डालें तो कोई नया चेहरा ही सीएम बनेगा. इन सबके सीएम कैंडिडेट बनने के पीछे अपने-अपने गणित हैं . उसी तरह हर एक के सीएम न बनने के पीछे भी कुछ नहीं कारण हैं. जैसे वसुधरा राजे का प्लस पॉइंट है कि पूरे राजस्थान में वो एक मात्र भीड़ जुटाऊ नेता हैं. सभी जातियों में उनकी ऐक्सेप्टेंस है. पर केंद्रीय नेतृत्व से उनकी दूरी उनकी राह में रोड़ा बन सकता है. इसी तरह महारानी दीया कुमारी के लिए सिर्फ यही उम्मीद का कारण बनता है कि एक महारानी को रिप्लेस दूसरी महारानी से करना आसान रहेगा. पर दीया कुमारी का इतने बड़े पद को संभालने का अनुभव न होना और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से उनकी दूरी उनकी ताजपोशी होने की राह में रुकावट पैदा करेगी. राजस्थान में कोई भी ऐसा शख्स सीएम नहीं बनेगा जिसके चलते 2024 के लोकसभा चुनावों के मौके पर पार्टी में दरार दिखाई दे. इसलिए पार्टी भरसक यही कोशिश करेगी कोई निर्विवाद चेहरा सामने आए. गजेंद्र सिंह शेखावत, राजेंद्र राठौड़ के नामों को आगे बढाने पर लोकसभा चुनावों के मौके पर एंटी राजपूत दूसरे समुदायों की नाराजगी लेनी चाहेगी पार्टी.

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पर हैरान करेंगे ये नाम

कांग्रेस के जमाने में ऊपर से मुख्यमंत्री थोपने का चलन शुरू हुआ था. बीजेपी में भी यह चलन शुरू हो सकता है.राजस्थान में अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो किसी केंद्रीय मंत्री को भी सीएम की कुर्सी पर बैठाया जा सकता है. कई केंद्रीय मंत्रियों के नाम सामने आ सकते हैं. अर्जुन मेघवाल और अश्विनी वैष्णव और भूपेंद्र यादव भी को बुलावा भेजा जा सकता है. प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के नाम पर मुहर लग सकती है. चित्तौड़गढ़ से सांसद सीपी जोशी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निकटता को देखते हुए ऐसा कहा जाने लगा है. राजस्थान की चुनावी सभाओं में पीएम की खुली जीप पर चलने से उनका क़द बहुत बढ़ गया है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी के महामंत्री संगठन रहे सुनील बंसल भी छुपे रुस्तम शामिल हो सकते हैं. राजस्थान की राजनीति से उनका वास्ता आज भी बहुत तगड़ा जुड़ा हुआ है.

राजस्थान के सीएम पद के लिए एक और नाम भी है जो कभी धूमकेतु के रूप में अचानक उभर सकता है. नरेंद्र मोदी के बहुत क़रीब रहे इस नेता का नाम ओम प्रकाश माथुर है. नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले से ही माथुर का याराना रहा है. एक और नाम है जो किसी को भी चौंका सकता है. प्रकाशचंद  का नाम बहुत कम लोगों ने सुना होगा. संघ के स्वयंसेवक हैं और वे मौन रहकर अपना काम करते रहे हैं. पार्टी की अंदरूनी राजनीति को जानने वालों को पता होगा कि प्रकाशचंद्र और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे में छत्तीस का आंकड़ा है.

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