'मैं मैदान के बाहर बहुत ही संकोची हूं, पर मैदान पर बहुत आक्रामक हूं...आप जानते हैं ही ना...तोड़-फोड़ कर डालेगी'. ये शब्द पांच साल पहले एक इंटरव्यू में भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहे थे. अब उन्हीं हरमनप्रीत कौर ने शनिवार को बांग्लादेश के खिलाफ मैच में स्टम्प पर बल्ला दे मारा और 'तोड़-फोड़' कर डाली.
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने जो कुछ भी किया उसे तमाम क्रिकेट फैन्स ने देखा, हरमनप्रीत ने आउट होने के बाद गुस्से में स्टम्प पर बैट मारा. इसे क्रिकेट जगत भयभीत होकर देख रहा था, भारतीय कप्तान ने ऑन-फील्ड अंपायर द्वारा आउट दिए जाने के बाद अपने बल्ले से स्टंप्स को गिरा दिया.
दरअसल, हरमनप्रीत की नजर में यह अनुचित फैसला था. हरमन यहीं नहीं रुकी, वह जब पवेलियन की ओर लौट रहीं थीं तो उन्होंने अंपायर की ओर बल्ले से धमकी भरा इशारा किया. ग्राउंड छोड़ते वक्त भी वह गुस्से में बुदबुदा रही थीं. सिर हिलाते हुए साफ तौर पर दिख रहा था कि वह इस फैसले से खुश नहीं थीं.
उस पूरी परिस्थिति को देखा जाए तो हरमन को लग रहा था कि अंपायर ने गलत निर्णय दिया है. ऑफिशियल स्कोरकार्ड पर लिखा था... हरमनप्रीत कौर कैच फाहिमा खातून बोल्ड नाहिदा अख्तर. हालांकि, हरमनप्रीत मौर यह मानकर चल रही थीं कि उन्हें एलबीडब्लू आउट दिया गया है. जो फुटेज सामने आया है, उसमें साफ तौर पर दिख रहा है बैट से बॉल लगने से एलबीडब्लू की संभावना तो थी ही नहीं, इसके तुरंत बाद गेंद स्लिप की ओर चली गई. जिस कारण हरमनप्रीत कौर को कैच आउट दिया गया. लेकिन इस पूरे सीन में जिस व्यक्ति (अंपायर) ने यह निर्णय दिया, वह पूरी तरह से गलत दिखा.
टीम इंडिया के लिए 127 ODI खेल चुकीं हरमनप्रीत का गुस्सा केवल मैदान तक ही सीमित नहीं रहा, वह मैच के बाद भी बुरी तरह से भड़की हुई नजर आईं. इसके बाद जो हुआ वो उससे भी बुरा रहा. हरमनप्रीत कौर ने आउट होने के करीब एक घंटे बाद पोस्ट मैच कई कमेंट्स किए. हरमनप्रीत ने कहा, 'जिस तरह की अंपायरिंग हो रही थी, हम सरप्राइज रह गए. अगली बार जब हम बांग्लादेश आएंगे तो हम सुनिश्चित करेंगे कि हमें इस प्रकार की अंपायरिंग से कैसे निपटना है? उसके अनुसार खुद को तैयार करना होगा.'
'अंपायरों को भी बुला लो', हरमनप्रीत गुस्से में बोलीं
इसके बाद भी हरमनप्रीत का गुस्सा पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान जारी रहा. वह भारतीय टीम बांग्लादेशी टीम के संग जब फोटो क्लिक करवा रहीं थीं तो उन्होंने चिल्लाते हुए यह तक कह दिया कि अंपायरों को भी बुला लो. उनके कहने का आशय यहा था कि अंपायर्स भी बांग्लादेशी टीम के साथ ही हैं. यह सब देख बांग्लादेशी कप्तान निगार सुल्ताना चुपचाप टीम सहित वहां से निकल गईं.
क्यों आया हरमनप्रीत को क्यों गुस्सा, ऐसा व्यवहार अशोभनीय...
इससे पूरे घटनाक्रम को देखने के बाद एक ही सवाल उठता है. आखिर हरमनप्रीत कौर जैसी 'संकोची' को अपने स्वाभाव के प्रतिकूल क्यों होना पड़ा? यह सिर्फ एक घटना थी, या बांग्लादेश के पूरे दौरे में विभिन्न घटनाओं की परिणति थी. ध्यान रहे दूसरे वनडे मैच में प्रेजेंटेटर ने हरमन को जेमिमा रोड्रिग्स कहकर पुकारा था, इस बात से भी भारतीय कप्तान बुरी तरह झल्ला गईं थीं.
भारतीय कैम्प से जो बातें निकलकर सामने आई हैं, उससे साफ है कि भारतीय कप्तान का गुस्सा सिर्फ उनके आउट होने तक ही सीमित नहीं था. टीम को लगा कि दो अन्य बल्लेबाज, यास्तिका भाटिया और अमनजोत कौर को भी खराब अंपायरिंग का शिकार होना पड़ा, टीम का मानना था कि इन दोनों को भी गलत तरीके से एलबीडब्लू आउट दिया गया.
हालांकि, हरमन के फैसले के विपरीत, मैच फुटेज क्लियर है कि यास्तिका या अमनजोत में से कोई भी गलत तरीके से आउट नहीं दिया गया. बहरहाल, मैच के बाद के इंटरव्यू और प्रेजेंटेशन में भारतीय कप्तान के अशिष्ट व्यवहार को कोई भी उचित नहीं ठहरा सकता. वास्तव में, 34 वर्षीय भारतीय कप्तान पर ICC ने जो दो मैचों का प्रतिबंध लगाया है, वह केवल और केवल उनके औपचारिक तौर पर फटकार भर है.
पर, इन सबको देखा जाए तो जिस तरह से हरमनप्रीत ने व्यवहार किया, अंपायरो के प्रति गुस्सा दिखाया, मेजबान बांग्लादेश और विरोधी टीम के खिलाफ उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया, वह एक देश के कप्तान और एक देश के एम्बेसडर होने के नाते अशोभनीय था.
IND-W captain Harmanpreet hit the stumps, shouts at the umpire then showed middle finger & thumb to the fans after given LBW by the umpire, claiming it was bat.
— Saqlain (@SaqlainHameeed) July 22, 2023
She Also Complaint about Umpiring In Press Conference #HarmanpreetKaur #INDWvsBANW pic.twitter.com/4HY8nWff8x
जब बल्ले से दिया हरमनप्रीत ने जवाब, क्रिकेट का स्वरूप बदला...
संयोग से, छह साल पहले, ये हरमनप्रीत कौर ही थीं, जिनसे तब पूछा गया था, क्या महिला क्रिकेट भी पुरुष क्रिकेट की तह बड़ी हिटिंग क्षमताओं को हासिल कर सकती है? इसके बाद 2017 वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में उन्होंने 115 गेंदों में 171 रन की पारी से जोरदार जवाब दिया था. इसके बाद महिला क्रिकेट की डायनामिक्स पूरी तरह से बदल गई. और आज, जब हमने वर्ल्ड क्रिकेट में नए स्ट्रक्चर का जश्न मना रहे हैं. पुरुष और महिला दोनों को समान पुरस्कार-राशि और मैच फीस मिल रही है. अब ऐसा लगता है कि हरमन ने एक बार फिर खेल के हर दूसरे पहलू में भी पुरुषों की तरह बराबरी करने का बीड़ा उठाया है.
लेकिन वो ऐसा ना करें, जेंटलमैन गेम पहले से ही एक 'विलुप्त' अवधारणा जैसा हो रहा है. खेल को नई पहचान की जरूरत है. महिलाओं का खेल शायद हमारी एकमात्र उम्मीद है.