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आम आदमी पार्टी सरकार के भ्रष्टाचार का खुलासा करने में कांग्रेस आगे, भाजपा फिसड्डी क्यों?

आम आदमी पार्टी के एक विधायक का ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है जिसमें दिल्ली शराब घोटाले की चर्चा हुई है. इस ऑडियो को वायरल कराने में एक बार फिर कांग्रेस आगे रही. शराब घोटाले और शीशमहल घोटाले को भी सामने लाने में कांग्रेसी नेताओं की भूमिका अहम रही. सवाल उठता है कि बीजेपी क्यों पीछे रह जाती है?

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स्वाति मालीवाल ने नरेला के आप विधायक का ऑडियो क्लिप इस फोटो के साथ ट्वीट किया है.
स्वाति मालीवाल ने नरेला के आप विधायक का ऑडियो क्लिप इस फोटो के साथ ट्वीट किया है.

दिल्ली में सत्ता की लड़ाई आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच है. यह सभी जानते हैं कांग्रेस इस लड़ाई में अभी नहीं है. पर आम आदमी पार्टी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने में बीजेपी के मुकाबले में कांग्रेस बहुत आगे रहती है. जबकि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व आम आदमी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विरोध को लेकर हमेशा से कन्फ्यूज रहा है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कम्युनिकेशन, मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने आम आदमी पार्टी के शराब घोटाले से जुड़ा एक ऑडियो जारी कर एक नया खुलासा किया. पार्टी ने पीसी करके आम आदमी पार्टी को घोटाला पार्टी कहा है. उन्होंने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सलाह पर शराब घोटाले को अंजाम दिया गया. ऑडियो में नरेला से विधायक शरद चौहान की आवाज में खुलासा हुआ कि आप ने गुजरात, पंजाब और गोवा चुनावों के लिए शराब कंपनियों से धन लिया था. इस बातचीत को आप सांसद स्वाति मालीवाल ने भी ट्वीट किया है. सवाल यह है कि कांग्रेस पीसी कर सकती है तो बीजेपी क्यों नहीं कर सकती? 

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कांग्रेस नेता हमेशा आगे रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने में

कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचारी पार्टी बताने में भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही आगे रही है. पर इन मामलों को जितने प्रभावी तरीके से कांग्रेस जनता के सामने लाती रही है वैसा बीजेपी कभी नहीं कर सकी. जबकि बीजेपी सत्ता में है इसलिए उसके पास सरकारी मशीनरी तक एक्सेस भी कांग्रेस के मुकाबले आसान है. बीजेपी का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान केवल ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाएं के सहारे ही चल रहा है. आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार को उजागर करने में यही संस्थाएं सामने आती रहीं. यही कारण रहा कि जनता की नजरों में अरविंद केजरीवाल के सम्मान में कमी नहीं हुई. बल्कि जनता के बीच में उनके लिए सिंपैथी बढ़ गई.

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 ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी में कांग्रेस नेता अजय माकन जैसे योग्य लोगों की कमी हो गई है. अन्यथा आम आदमी पार्टी सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस के बजाय बीजेपी श्रेय लेने से नहीं चूकती. गौरतलब है कि शराब घोटाले को लेकर अजय माकन ने न केवल पीसी की थी बल्कि कोर्ट में भी मामले को ले गये. इसी तरह कैग रिपोर्ट को आधार बनाकर जिस तरह उन्होंने इसी हफ्ते स्वास्थ्य घोटाले पर आम आदमी पार्टी सरकार को घेरा वह कोई बीजेपी नेता नहीं कर सका. ज्वलंत उदाहरण नरेला से विधायक शरद चौहान के ऑडियो क्लिप को लेकर भी यही हाल बीजेपी का रहा. सांसद स्वाति मालिवाल और पवन खेड़ा इस मामले को उठा सकते हैं पर बीजेपी नेता इस मामले में अभी तक चुप्पी साधे ही दिखाई दिए. अगर बीजेपी इस क्लिप को लेकर पीसी करती तो जाहिर है कि उसकी रीच ज्यादे होती बनिस्बत कांग्रेस नेताओं के. बीजेपी सत्ता में है और आर्थिक दृष्टि से समर्थ है जिसके चलते चाहे सोशल मीडिया हो या मेन स्ट्रीम मीडिया उसकी बातों का ज्यादा सुना जाता है. 

ऑडियो क्लिप और कांग्रेस के सवाल

नरेला के आप विधायक का ऑडियो क्लिप वायरल करते हुए बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में खेड़ा ने कहा कि शिक्षा मंत्री को शराब मंत्री बनाकर आप ने युवा पीढ़ी को बर्बाद किया. केजरीवाल और सिसोदिया जैसे नेता भ्रष्टाचार के मामले में जेल गए. आप का तथाकथित 'मॉडल' अब घोटाले का पर्याय बन चुका है. उन्होंने शराब घोटाले को लेकर केजरीवाल से सात सवाल किए हैं.

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1-लाइसेंस देने में नियमों का उल्लंघन क्यों हुआ?

2-विदेशी शराब की कीमतों में हेरफेर क्यों किया गया?

3- शराब की गुणवत्ता से समझौता क्यों हुआ?

4-अवैध शराब बिक्री पर कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

5- पारदर्शी बारकोड सिस्टम लागू क्यों नहीं किया गया?

6-एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों को नजरअंदाज क्यों किया गया?

7- समय से पहले छोड़े गए ठेकों का रीटेंडर क्यों नहीं किया गया?

बीजेपी क्यों ऐसा नहीं कर पा रही है?

भारतीय जनता पार्टी अब सत्ता वाली पार्टी बन कर रह गई. लोग पार्टी में आते ही हैं सत्ता सुख लेने के लिए . मिशन वाली भावना खत्म हो चुकी है. विशेषकर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के जितने भी लीडर हैं या तो वह बहुत बड़े लोग हैं जिन्हें इन छोटी बातों के लिए समय नहीं हैं. या दूसरी फील्ड से आए लोग हैं जो अपने क्षेत्र में तो महारत हासिल किए हुए हैं पर राजनीति में उनका ज्ञान बस जनता दर्शन तक ही सीमित है. दिल्ली में ग्राउंड लेवल पर उतरकर काम करने वाले लोगों की कमी हो गई है. अपनी मेहनत और बुद्धि का इस्तेमाल करके आगे बढ़ने वाले लोग आम आदमी पार्टी में चले जाते हैं. बाद में निराश होकर भले ही बाहर हो जाते हों पर उन्हें यकीन है कि बीजेपी जैसी पार्टियों में उनके लिए जगह नहीं है.

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