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'थूक लगी रोटियां, हापुड़ का जूस...', योगी कैसे सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से कर रहे हैं अपना प्रचार | Opinion

योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार के लिए नई नई तरकीबें अपनाने लगे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो भी अब उनके कैंपेन का हिस्सा बन चुके हैं - और उनके जरिये वो अखिलेश यादव को टारगेट कर रहे हैं.

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अब वायरल वीडियो को लेकर आमने सामने आये योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव.
अब वायरल वीडियो को लेकर आमने सामने आये योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव.

योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव एक दूसरे को टारगेट करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं. हालत ये हो गई है कि जैसे ही योगी आदित्यनाथ का कोई बयान आता है, अखिलेश यादव की भी वैसी ही तीखी प्रतिक्रिया आ जाती है - और ये सिलसिला आगे बढ़ता चला जा रहा है. 

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अभी मठाधीश और माफिया वाली बहस चल ही रही थी कि गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर कुछ वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर निशाना साध लिया - और ज्यादा देर नहीं लगी, सोशल मीडिया के जरिये अखिलेश यादव का भी रिएक्शन आ गया. 

असल में यूपी में विधानसभा की 10 सीटों के लिए उप चुनाव होने वाले हैं - और ये सारी लड़ाई उसी के लिए चल रही है. जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें अयोध्या की मिल्कीपुर और मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट भी शामिल है. अखिलेश यादव की कोशिश हर हाल में दोनो ही सीटों को समाजवादी पार्टी के पास रखने की है, जबकि योगी आदित्यनाथ किसी भी सूरत में अखिलेश यादव के कब्जे से छीन लेने की है, ताकि अयोध्या में बीजेपी की हार का हिसाब बराबर किया जा सके. 

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‘थूक वाली रोटियां और हापुड़ का जूस’

गोरखपुर के रामगढ़ ताल में योगी आदित्यनाथ एक ‘फ्लोटिंग रेस्टोरेंट’ का उद्घाटन करने पहुंचे थे. जाहिर है रेस्टोरेंट की बात होगी तो खान पान का जिक्र होगा ही, और जब चुनावी माहौल हो, तो चर्चा राजनीतिक रंग ले ही लेती है. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘यह अच्छी बात है कि लोगों को कम से कम हापुड़ वाला जूस या थूक लगी रोटियां नहीं परोसी जाएंगी… यहां जो भी परोसा जाएगा, वह शुद्ध होगा.’

बात वो भले ही खाने पीने की चीजों की कर रहे थे, लेकिन वो तो बहाना था. असल में तो योगी आदित्यनाथ अपना प्रचार कर रहे थे, और उसमें बड़े हिसाब से सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को पिरो दिया था.

कुछ समय पहले सहारनपुर के एक रेस्टोरेंट का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक लड़के को रोटी बनाते समय उस पर थूकते हुए देखने को मिला था. ऐसे ही कभी जूस में थूक तो कभी पेशाब मिलाने के वीडियो भी वायरल हो चुके हैं. सभी मामलों के सामने आने पर पुलिस ने कार्रवाई की, और आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था.  

ऐसे वीडियो के वायरल होने पर काफी बवाल भी मचा था, और राजनीतिक ऐंगल खोज निकाला गया था. राजनीति ये हुई कि वीडियो के जरिये सामने आई करतूत में समुदाय विशेष के लोगों के शामिल होने के आरोप लगे थे. 

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चूंकि अखिलेश यादव यूपी में यादव और मुस्लिम वोट की राजनीति करते हैं, इसलिए योगी आदित्यनाथ सोशल मीडिया पर वायरल ऐसे वीडियो के जरिये समाजवादी पार्टी को टारगेट कर रहे हैं.

योगी की ‘भाषा’ पर अखिलेश यादव का सवाल 

अखिलेश यादव के बयान पर हंगामा अभी शांत नहीं हुआ था कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल साइट X पर नया पासा फेंक दिया है. 

अब वो संतों को उनकी भाषा से पहचाने जाने की बात कर रहे हैं. ये बोल कर कि 'मठाधीश और माफिया में कोई फर्क नहीं होता' अखिलेश यादव ने संतों की नाराजगी मोल ली थी, अब उनकी भाषा पर सवाल उठाकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है. 

जब योगी आदित्यनाथ ने मठाधीश और माफिया वाले अखिलेश यादव के बयान पर कहा कि सपा नेता में औरंगजेब की आत्मा घुस आई है, तो सफाई देने लगे.

अखिलेश यादव ने अपनी तरफ से सफाई दी कि न तो वो न ही समाजवादी पार्टी ने कभी किसी संत-महंत या संन्यासी पर कोई टिप्पणी की है. बोले, मैं यही कहूंगा कि वो हमारे प्रदेश के मठाधीश मुख्यमंत्री हैं… उनसे और किस भाषा की उम्मीद करें… जब से बीजेपी हारी है तब से उनकी भाषा बदल गई है.

अब अखिलेश यादव ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, ‘भाषा से पहचानिए, असली संत महंत… साधु वेष में घूमते, जग में धूर्त अनंत. 

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ये हाल तब है, जब उप चुनावों की तारीख भी नहीं आई है, तब क्या होगा जब उप चुनावों की घोषणा हो जाएगी?

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