Maharashtra Political Crisis: शिवसेना में बगावत की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. अब से कुछ देर बाद सुप्रीम कोर्ट में बागी गुट की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई होगी. एक याचिका एकनाथ शिंदे की ओर से जारी की गई है, जबकि दूसरी याचिका बागी विधायक भरत गोगावले की ओर से दायर की गई है. दोनों ही याचिकाओं में डिप्टी स्पीकर के फैसले को चुनौती दी गई है. सबसे पहले दो उस नोटिस को चुनौती दी गई है जिसमें 16 बागियों की सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं, शिंदे को नेता पद से हटाने और अजय चौधरी को चीफ व्हिप नियुक्त करने के फैसले को भी चैलेंज किया गया है. सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे का पक्ष वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और एनके कॉल रखेंगे जबकि उद्धव कैंप की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और देवदत्त कामत पैरवी करेंगे. शिंदे कैंप का दावा है कि उनके पास शिवसेना के 39 विधायक हैं, जबकि उद्धव के पास महज 16 विधायक हैं, ऐसे में नेता पद से हटाने और चीफ व्हिप नियुक्त करने का अधिकार उद्धव का नहीं बल्कि शिंदे का होना चाहिए. इन सबके बीच महाराष्ट्र में बागियों शिवसेना समर्थकों के बीच तनाव और बढ़ सकता है. शिंदे के गढ़ ठाणे में उनके समर्थकों से इकट्ठा होने की अपील की गई है. देखें वीडियो.
On Monday, the Supreme Court is likely to hear two petitions filed by Eknath Shinde and Bharat Gogavale. They have challenged the decision of Deputy Speaker of the Assembly Narahari Zirwal to approve Ajay Choudhary’s appointment as Shiv Sena group leader. Watch this video to Know more.