अभी ज्यादा दिन बीते नहीं हैं, जब राबड़ी ना सियासत समझती थीं और ना ही सियासी बोली लेकिन अब तो उनकी जुबान से डर्टी बम गिरते हैं. नीतीश कुमार के लिए राबड़ी ने जो कहा, वो सुना तक नहीं जा सकता है. चुनाव कार्यक्रम । शख्सियत । विश्लेषण । चुनाव पर विस्तृत कवरेज