सोनिया गांधी भी नहीं रहना चाहती खाली हाथ, इसीलिए अभी से ढूंढ रही हैं हाथ के लिए साथ. दोस्ती का हाथ उन्होने बढ़ा दिया है, अब नए नए साथियों को अपने साथ खड़ा किया है. शख्सियत । विश्लेषण । चुनाव पर विस्तृत कवरेज