आप जो भी सोचते हैं या जो भी महसूस करते हैं उसे सामने वाले के सामने जरुर रखना चाहिए. ताकि यह स्थिति स्पष्ट हो जाए कि वो आपके साथ है, सहमत है या फिर असहमत है. इससे आपके अंदर का असमंजस भी खत्म हो जाएगा और आपके रिश्तों को लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं रहेगी.