शेक्सपीयर ने एक बार लिखा था कि वो कभी बहुत ज्यादा दुखी नहीं होते. क्योंकि वो किसी से बहुत उम्मीदें नहीं रखते. उम्मीदें हमें अक्सर परेशान करती हैं. इसलिए दूसरों से उम्मीद रखने से अच्छा है कि अपने आप से उम्मीद रखें.