प्रदोष के दिन मुख्य रूप से शिवजी की उपासना की जाती है. जीवन के सारे दोषों का नाश करने के लिए ये व्रत महत्वपूर्ण है. जब ये प्रदोष शनिवार के दिन पड़ता है, तो इसे शनि प्रदोष कहते हैं. इस दिन शिव और शनि दोनों की उपासना करनी चाहिए.