खेल ताश का हो या जिंदगी का... अपना इक्का तभी दिखाना चाहिए जब सामने वाला अपना बादशाह दिखाए समझना यहा है जिंदगी में अपने गुणों का प्रदर्शन कब कहां और कितना करना है यह भी समझना बेहद जरुरी होता है.