जिंदगी में जो लोग कमजोर होते हैं. वही अपने भाग्य को दोष देते हैं. जो कर्मयोगी हैं, उन्हें अपने कर्मों पर भरोसा है. वो अपना भाग्य खुद रचना जानते हैं. इसलिए इंसान को कर्मयोगी होना चाहिए.