मैं कर सकता हूं... मैं नहीं कर सकता हूं... ये दोनों ही सच हैं... ये दोनों ही जिंदगी के सच हैं... अब आप पर ही निर्भर करता है कि आप किस सच के साथ जिंदगी जीना चाहते हैं. हम यही चाहते हैं कि आप कर सकते हैं. इस सच के साथ आप अपनी जिंदगी को जीने की कोशिश कीजिए और इस सच में हम हमेशा देंगे आपका साथ.