जिंदगी में असंभव सिर्फ वही यात्रा होती है, जिस पर हम चलने की शुरुआत नहीं करते. जैसे ही हमने चलने की शुरुआत की कदम आगे बढ़ाया वो असंभव यात्रा आपको संभव दिखाई देने लगती है. इसलिए असंभव कुछ भी नहीं है अगर आपने कुछ ठान लिया है.