हम जिंदगी को जितना व्यवस्थित देखने की कोशिश करते हैं. हमें चीजें उतनी ही ज्यादा उलझी हुई नजर आती हैं. ऐसे में करना क्या है? सबसे ज्यादा जरूरी है, चीजें जैसे आपके सामने आ रही हैं, उसे वैसे ही लेने की कोशिश करें. उसके साथ तालमेल बिठाने की कोशिश करें, क्योंकि जिंदगी में सबकुछ आपके हिसाब से नहीं होने वाला है. इस सच्चाई को स्वीकार करके अपने आपको जिंदगी के मुताबित ढालना ही अकलमंदी है.