कोहरे से एक बात सीखने को मिलती है. जब दूर तक कोई रास्ता नहीं दिखाई न दे रहा हो. तो एक-एक कदम संभल- संभल कर चलते चलो रास्ता खुद व खुद खुलता चला जाएगा. यही जीवन में होता भी है. एक कदम आपने अपनी मंजिल तक उठाया नहीं कि मंजिल आपको पुकारना शुरू कर देती है.