14 जनवरी से पहले बिहार में दही-चूड़ा भोज की चर्चा तो ठीक ठीक चल रही थी, लेकिन नीतीश कुमार उस पर सियासत का ऐसा रंग चढ़ा देंगे, चिराग पासवान ने भी नहीं सोचा होगा. पटना के दही चूड़ा भोज में नीतीश कुमार को बुलाने के पीछे जो भी मकसद रहा हो, लेकिन चिराग पासवान का नाम लेकर अब जो हो रहा है वो तो फजीहत ही कही जाएगी.