144 साल बाद संगम के तट पर लगने वाले महाकुंभ मेले में एक से बढ़कर एक साधु-सन्यासी दूर-दूर से इकट्ठा हुए हैं. एक बाबा अपने सिर पर 45 किलो रुद्राक्ष धारण किये हुए हैं, तो एक सालों से खड़े हैं. एक ने सालों से अपना बायां हाथ उठाकर रखा हुआ है, तो एक सालों से नहाए नहीं हैं. आइए महाकुंभ में आए इन अनोखे बाबाओं के बारे में जानते हैं. साथ ही ये भी जानेंगे कि हठयोग आखिर है क्या और साधु संत इतनी कठिन तपस्या क्यों करते हैं?