काबुल एअरपोर्ट गुरुवार शाम धमाकों से दहला दिया. दुनिया देखती रह गई, अमेरिकी सेना देखती रह गई. अब अमेरिकी राष्ट्रपति कह रहे हैं कि भूलेंगे नहीं, माफ नहीं करेंगे, बदला लेंगे. आज लेकिन ये सवाल है कि अमेरिका बदला लेगा किससे और कैसे? तालीबान तो अमेरिकी राष्ट्रपति की नजरों में बेगुनाह है. जो बाइडेन ने साफ कहा है कि तालिबान के खिलाफ कोई सबूत नहीं. तालिबान के लोग अच्छे नहीं लेकिन वो एअरपोर्ट खुला रखने की भरसक कोशिश कर रहे हैं. वहीं अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरूल्लाह सालेह साफ कह रहे हैं कि ये धमाके ISISऔर तालिबान की मिलीभगत का अंजाम है. आतंकियों को भी गुड और बैड के खांचे में बांटने का खेल आखिर है क्या? इसी मुद्दे पर आजतक के दर्शकों ने अंजना ओम कश्यप के साथ रखी अपनी बात और पूछे सवाल.