कर्म और भाग्य एक पक्षी के दो पंखों की तरह हैं. पक्षी को उड़ान भरने के लिए दोनों पंखों की जरूरत होती है. उसी तरह हमें अपने जीवन में सपनों को पूरा करने के लिए कर्म और भाग्य की जरूरत होती है.