औरंगजेब के शासनकाल और उसकी नीतियों पर नए सिरे से बहस छिड़ गई है. कुछ नेता और इतिहासकार उसे उदार और महान शासक बता रहे हैं, जबकि अन्य उसे क्रूर और हिंदू विरोधी मानते हैं. फिल्म 'छावा' ने इस विवाद को और हवा दी है. औरंगजेब के मंदिर निर्माण और आर्थिक प्रगति के दावों की भी पड़ताल की जा रही है.