चाल चक्र में आज हम आपको बताएंगे भैरव अष्टमी से जुड़ी कुछ खास बातें. तंत्र साधना में, विशेष रूप से शिव की तंत्र साधना में भैरव का विशेष महत्व है. भैरव वैसे तो शिव जी के ही रौद्र रूप हैं, परन्तु कहीं- कहीं पर इनको शिव का पुत्र भी माना जाता है. ये भी माना जाता है जो भी शिव के मार्ग पर चलता है, उसे भैरव कहा जाता है. इनकी उपासना से भय और अवसाद का नाश होता है, व्यक्ति को अदम्य साहस मिल जाता है. शनि और राहु की बाधाओं से मुक्ति के लिए भैरव की पूजा अचूक होती है. शत्रु और विरोधियों को शांत करने के लिए इनकी पूजा अवश्य करें. कालभैरव की जयंती पर उन्हें विशेष वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए. इससे भय और शत्रु बाधा का नाश होता है.
Bhairava Ashtami, also known as Bhairava Jayanti, Kala-Bhairava Ashtami and Kala-Bhairava Jayanti will be celebrated on Tuesday, 19 November 2019. In Chaal Chakra, our astrologer Shailendra Pandey will tell you about the significance of Kaal Bhairav Ashtami. This festival is considered best for tantra practice. Know about Kaal Bhairav Ashtami Puja timings, shubh muhurat and more. Also, know what stars have in store for you.