नवदुर्गा का पांचवां स्वरुप स्कंदमाता का है. कार्तिकेय (स्कन्द) की माता होने के कारण इनको स्कन्दमाता कहा जाता है. यह माता चार भुजाधारी कमल के पुष्प पर बैठती हैं, अतः इनको पद्मासना देवी भी कहा जाता है. इनकी गोद में कार्तिकेय भी बैठे हुये हैं, अतः इनकी पूजा से कार्तिकेय की पूजा स्वयं हो जाती है. स्कंदमाता की पूजा से क्या विशेष लाभ हो सकते हैं और क्या है इनकी पूजा विधि ?