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चाल चक्र: अपशब्द बोलने के योग कैसे बन जाते हैं?

चाल चक्र: अपशब्द बोलने के योग कैसे बन जाते हैं?

चाल चक्र में आज जानें अपशब्द बोलने के योग कैसे बन जाते हैं ? और इसका क्या परिणाम होता है. कुंडली का दूसरा, तीसरा और आठवां भाव वाणी से सम्बन्ध रखता है. इन भावों में अशुभ ग्रह होने से वाणी दूषित हो जाती है. वैसे वाणी को सबसे ज्यादा दूषित राहु और मंगल करते हैं. इनके प्रभाव से व्यक्ति अंट शंट बोलता है. शनि का प्रभाव होने से अपशब्द बोलने की आदत पड़ जाती है. बुध के दूषित होने पर भी व्यक्ति अपशब्द बोलता है. हालांकि ऐसी दशा में व्यक्ति अपशब्द हमेशा नहीं बोलता. अपशब्द बोलने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पर सीधा असर पड़ता है. व्यक्ति के जीवन में धन के मामले में उतार चढ़ाव बने रहते हैं. ऐसे लोगों को गले या मुंह की बीमारी की संभावना भी होती है. इनका बुध कमजोर होता जाता है. इसलिए याददाश्त और बुद्धि की समस्या भी निश्चित होती है. इनको निश्चित रूप से जीवन में पतन का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोग जानबूझकर आफत को अपने पास बुला लेते हैं.

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