चाल चक्र में आज हम आपको बताएंगे क्या है बरगद के वृक्ष का पौराणिक और धार्मिक महत्व? बरगद का वृक्ष एक दीर्घजीवी विशाल वृक्ष है, हिन्दू परंपरा में इसे पूज्य माना जाता है. अलग अलग देवों से अलग अलग वृक्ष उत्पन्न हुए, उस समय यक्षों के राजा मणिभद्र से वटवृक्ष उत्पन्न हुआ. ऐसा मानते हैं इसके पूजन से और इसकी जड़ में जल देने से पुण्य प्राप्ति होती है. यह वृक्ष त्रिमूर्ति का प्रतीक है, इसकी छाल में विष्णु, जड़ में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव का वास माना जाता है. जिस प्रकार पीपल को विष्णु जी का प्रतीक माना जाता है, उसी प्रकार बरगद को शिव जी माना जाता है. यह प्रकृति के सृजन का प्रतीक है, इसलिए संतान के इच्छित लोग इसकी विशेष पूजा करते हैं. यह बहुत लम्बे समय तक जीवित रहता है, अतः इसे "अक्षयवट" भी कहा जाता है.