चाल चक्र में आज आपको बताएंगे दीपावली के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल द्वितिया को भैया दूज का पर्व मनाया जाता है. इस तिथि से यमराज और द्वितिया तिथि का सम्बन्ध होने के कारण इसको यमद्वितिया भी कहा जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं , उसका स्वागत सत्कार करती हैं और उनके लम्बी आयु की कामना करती हैं. माना जाता है कि जो भाई इस दिन बहन के घर पर जाकर भोजन ग्रहण करता है और तिलक करवाता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती. भईया दूज के दिन ही यमराज के सचिव चित्रगुप्त जी की भी पूजा होती है.