चाल चक्र में आज आपको बताएंगे ज्योतिष में बृहस्पति का स्थान क्या है और क्या है इसके प्रभाव? नवग्रहों में बृहस्पति को गुरु और मंत्रणा का कारक माना जाता है. पीला रंग, स्वर्ण,वित्त और कोष, कानून, धर्म, ज्ञान, मंत्र और संस्कारों को नियंत्रित करता है. शरीर में पाचन तंत्र, मेदा और आयु की अवधि को निर्धारित करता है. पांच तत्वों में आकाश तत्त्व का अधिपति होने के कारण इसका प्रभाव बहुत ही व्यापक और विराट होता है. महिलाओं के जीवन में विवाह की सम्पूर्ण जिम्मेदारी बृहस्पति से ही तय होती है.