चाल चक्र में आज आपको बताएंगे क्या है छठ पूजा और इसका वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व के बारे में. कार्तिक मास में भगवान सूर्य की पूजा की परंपरा है, शुक्ल पक्ष में षष्ठी तिथि को इस पूजा का विशेष विधान है. इस पूजा की शुरुआत मुख्य रूप से बिहार और झारखण्ड से हुई थी. अंग देश के महाराज कर्ण सूर्य देव के उपासक थे. अतः परम्परा के रूप में सूर्य पूजा का विशेष प्रभाव इस इलाके पर दिखता है. कार्तिक मास में सूर्य अत्यंत कमजोर होता है. अतः सूर्य देव की विशेष उपासना की जाती है ,ताकि स्वास्थ्य की समस्याएं परेशान न करें. षष्ठी तिथि का सम्बन्ध संतान की आयु से होता है. अतः सूर्य देव और षष्ठी की पूजा से संतान प्राप्ति और और उसकी आयु रक्षा दोनों हो जाती है.