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चाल चक्र: द्वादश ज्योतिर्लिंग पूरी करेंगे मनोकामना

चाल चक्र: द्वादश ज्योतिर्लिंग पूरी करेंगे मनोकामना

चाल चक्र में आज आपको बताएंगे क्या हैं ज्योतिर्लिंग और क्या है इनकी उपासना का महत्व? भगवान शिव की साकार रूप में पूजा लिंग स्वरुप में सबसे ज्यादा होती है. जहां इस लिंग रूप में भगवान ज्योति के रूप में विद्यमान रहते हैं उसको ज्योतिर्लिंग कहते हैं. कुल मिलाकर भगवान शिव के द्वादश (बारह) ज्योतिर्लिंग हैं. सोमनाथ,मल्लिकार्जुन,महाकालेश्वर,ओंकारेश्वर,केदारनाथ,भीमाशंकर,विश्वनाथ,त्रयम्बकेश्वर,वैद्यनाथ,नागेश्वर,रामेश्वर,घुश्मेश्वर. अन्य शिवलिंगों की पूजा की तुलना में ज्योतिर्लिंगों की पूजा करना अधिक उत्तम होता है. अगर नित्य प्रातः केवल इन शिवलिंगों के नाम का स्मरण किया जाय तो , माना जाता है कि इससे सात जन्मों के पाप तक धुल जाते हैं. अगर आप इन शिवलिंगों के दर्शन नहीं कर पाते तो इनकी प्रतिकृति (चित्र) लगाकर पूजा करने से भी आपको अपार लाभ हो सकता है. 

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