चाल चक्र में आज बात होगी होलाष्टक पर्व की. होली के आठ दिन पूर्व से होलाष्टक मनाया जाता है. इसकी शुरुआत होली के आठ दिन पहले हो जाती है. इस काल का विशेष महत्व है , और इसी में होली की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. माना जाता है कि होलाष्टक की शुरुआत वाले दिन ही शिव जी ने कामदेव को भस्म कर दिया था. इस काल में हर दिन अलग अलग ग्रह उग्र रूप में होते हैं अतः इसमें शुभ कार्य नहीं करते हैं. होलाष्टक में शुभ कार्य नहीं करते , परन्तु जन्म और मृत्यु के पश्चात किये जाने वाले कार्य कर सकते हैं. इस बार होलाष्टक 23 फरवरी से 02 मार्च तक रहेगा.