चाल चक्र में आज आपको बताएंगे मातृ ऋण के बारे में. जीवन में सबसे बड़ा ऋण हमारी माता का ही होता है. चतुर्थ भाव, चन्द्रमा और शुक्र मुख्य रूप से माता और उसके सम्बन्ध के बारे में बताते हैं. अगर कुंडली में राहु का सम्बन्ध चतुर्थ भाव चन्द्रमा या शुक्र से हो तो समझना चाहिए कि कुंडली में मातृ ऋण है. हाथों का कठोर होना और हथेलियों का काला होना भी मातृ ऋण के बारे में बताता है. मातृऋण का शोधन न कर पाने पर, तमाम तरह की समस्याएं पैदा होती हैं.