चाल चक्र में आज आपको बताएंगे मां के बारे में. मानव जीवन का सृजन करने के लिए ईश्वर ने नारी का निर्माण किया. जब नारी अपनी शक्ति का प्रयोग करके जीवन का सृजन करती है तो उसे मां कहा जाता है. इस सृष्टि में सबसे ज्यादा पवित्र और करुणामयी सत्ता मां ही है. इसीलिए भक्त भी ईश्वर को मां के रूप में पुकारते हैं. ऐसा करने से उन्हें ईश्वर की निकटता का जल्द अनुभव होता है. और मां रूपी ईश्वर का लगातार दुलार मिलता रहता है. ज्योतिष में मां का सम्बन्ध किन ग्रहों और राशियों से होता है ? ज्योतिष में चन्द्रमा को मां का कारक मानते हैं. कुछ अंशों में शुक्र का सम्बन्ध भी वात्सल्य से होता है. कर्क राशि और चतुर्थ भाव का सम्बन्ध भी मां से होता है. चतुर्थ भाव के स्वामी ग्रह और चन्द्रमा को मिलाकर मां की स्थिति देख सकते हैं. वैसे चन्द्रमा से काफी हद तक मां की स्थिति जान सकते हैं.