चाल चक्र में आज हम बात करेंगे सास और बहु के बारे में. सास बहू के तालमेल का ग्रहों से क्या सम्बन्ध है ?. सास और बहू का तालमेल भी ग्रहों से सम्बन्ध रखता है. इसमें सास की कुंडली का ग्यारहवां भाव और बहू की कुंडली का दसवां भाव महत्वपूर्ण होता है. सास बहू के तालमेल में सबसे बड़ी भूमिका मंगल निभाता है. इसके बाद चन्द्रमा की स्थिति भी देखी जाती है. अकेला मंगल अच्छा हो तो सास बहू के रिश्तों को अच्छा कर देता है. सास बहू का तालमेल कब अच्छा हो जाता है? बहू और सास की राशियों में शत्रुता न होने पर दोनों की कुंडलियों में मंगल के ठीक होने पर बहू की कुंडली में बृहस्पति के अच्छा होने पर अगर बहू की अंगुलियां लम्बी हों तो भी तालमेल अच्छा होता है. सास बहू के तालमेल में कब समस्या आ जाती है ?