चाल चक्र में आज आपको बताएंगे सावन में बेटियां क्यों जाती हैं अपने मायके और इसका क्या महत्व है. आम तौर पर विवाह के बाद पहले सावन में बेटियाँ अपने मायके जाती हैं , ताकि मानसिक और शारीरिक रूप से वो बेहतर रह सकें. सावन में बेटियों का मायके जाना एक विशेष परंपरा है , जिसका निर्वहन करने से बेटियों के मायके और ससुराल दोनों की स्थितियां बेहतर रहती हैं. कभी कभी ऐसा होता है कि बेटियों का भाग्य सारे घर के भाग्य को नियंत्रित करता है , और जैसे ही बेटियों की विदाई होती है घर की स्थिति ख़राब हो जाती है. अगर घर में , विवाह के बाद भी बेटियों का सम्मान न किया जाए तो भी स्थिति काफी बिगड़ सकती है. सावन के महीने में जब बेटी मायके आये , अगर आप विशेष तरह के उपाय करते हैं तो घर और जीवन की तमाम समस्याएँ हल हो सकती हैं.