चाल चक्र में आज आपको बताएंगे, क्या है दुर्गा सप्तशती? इसकी ख़ास बातें क्या हैं?. ऐसा माना जाता है कि, वेदों की भाँति दुर्गा सप्तशती भी अनादि है. मार्कण्डेय पुराण के माध्यम से दुर्गा सप्तशती जन सामान्य तक पंहुचीं है. देवी की उपासना के लिए यह सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ माना जाता है. इसमें देवी की उपासना के सात सौ श्लोक दिए गए हैं. ये सात सौ श्लोक तीन भागों में बांटे गए हैं - प्रथम चरित्र , मध्यम चरित्र और उत्तम चरित्र. प्रथम चरित्र में केवल पहला अध्याय, मध्यम चरित्र में दूसरा, तीसरा व चौथा अध्याय तथा शेष सभी अध्याय उत्तम चरित्र में रखे गये हैं. इन सात सौ श्लोकों में मारण , मोहन , उच्चाटन के और स्तम्भन, तथा वशीकरण और विद्वेषण के श्लोक दिए गए हैं.
Many of Goddess Durgas devotees will recite some portion of the Durga Saptashati every day.